कजाकिस्तान के अल्माटी एयरपोर्ट पर 29 जनवरी 2013 को घने कोहरे की वजह से स्कैट (SCAT) एयरलाइंस की फ्लाइट 760 क्रैश हो गई. इस हादसे में प्लेन में सवार सभी 21 लोग मारे गए.
उस दिन कोहरा इतना घना था कि चंद कदमों की दूरी पर देखना भी मुश्किल हो रहा था. इस घने कोहरे के बीच एक एयरक्राफ्ट लैंडिंग के लिए आता है और बिना लैंड हुए एक बार फिर आसमान में उड़ जाता है. गो अराउंड की तरफ बढ़ते इस एयरक्राफ्ट की आवाज महज 14 सेकंड बाद गायब हो गई. एयरसाइट पर मौजूद एयरपोर्ट कर्मी के लिए यह समझना मुश्किल था कि आखिर इतनी जल्दी यह एयरक्राफ्ट कहां चला गया.
एयरपोर्ट की एयर साइट पर मौजूद एयरपोर्ट कर्मियों के लिए यह बात अटपटी जरूर थी, लेकिन घने कोहरे की वजह से कहीं कुछ नजर नहीं आ रहा था, लिहाजा सभी अपने काम में फिर मशगूल हो गए. इधर इस घटना से ठीक 14 सेकेंड बाद गो अराउंड पर गए प्लेन के पायलट का संपर्क एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम (एटीसी) से टूट गया था. एटीसी को शुरुआत मं लगा कि किसी तकनीकी दिक्कत के चलते ऐसा हुआ है. 28 जनवरी 2002 को घने कोहरे की वजह से टेल एयरलाइंस का विमान लैंडिंग से ठीक पहले रास्ता भटक गया और कोलंबिया के इपियालेस में कुंबल ज्वालामुखी से जा टकराया. इस हादसे में विमान में सवार सभी 94 यात्रियों की दुखद मौत हो गई थी. एटीसी पायलट से संपर्क करने की कोशिश के बारे में सोचता, इससे पहले यह प्लेन राडार से भी ओझल हो गया था. एटीसी के नजरिए से यह दोनों संकेत बेहद अशुभ थे. आखिर हुआ वही, जिसका डर था. कुछ मिनटों के बाद एयरपोर्ट पर एक खबर आई और इस खबर को सुनकर हर कोई स्तब्ध रह गया. यह खबर कजाकिस्तान के कोक्शेताऊ इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाले स्कैट (SCAT) एयरलाइंस की फ्लाइट 760 से जुड़ी हुई थी. खबर में बताया गया कि स्कैट एयरलाइंस की जो फ्लाइट 760 एयरपोर्ट पर लैंड होने वाली थी, वह एयरपोर्ट से करीब 1.6 किमी की दूरी पर क्यज़िल्टू गांव के पास क्रैश हो गया है. इस क्रैश में प्लेन में सवार सभी 21 लोगों की मौत हो गई है. इस हादसे में मरने वालों में 16 पैसेंजर के साथ 5 क्रू मेंबर भी शामिल थे. दरअसल, दुखद दुर्घटना आज से करीब 11 साल पहले 29 जनवरी 2013 को कजाकिस्तान के अल्माटी एयरपोर्ट के करीब हुई थी. 29 जनवरी 2013 को स्कैट (SCAT) एयरलाइंस की फ्लाइट 760 ने कोक्शेताऊ इंटरनेशनल एयरपोर्ट से कजाकिस्तान के अल्माटी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरी थी. इस विमान को 55 वर्षीय कप्तान व्लादिमीर निकोलाविच एवडोकिमोव उड़ा रहे थे, जिन्हें करीब 18,194 घंटे की फ्लाइट का अनुभव था. वहीं फर्स्ट ऑफिसर के तौर पर 43 वर्षीय अलेक्जेंडर व्लादिमीरोविच शारापोव विमान में मौजूद थे. अल्माटी एयरपोर्ट पर घने कोहरे की वजह से विजबिलटी लगभग शून्य के बराबर थी. दोपहर करीब 13:13 यह प्लेन लैंडिंग के लिए आया. लैंडिंग के दौरान उसकी नोज रनवे की तरफ काफी झुकी हुई थी. लिहाजा पायलट ने लैंडिंग अबार्ट कर फिर टेकऑफ करने का फैसला किया. इस फैसले के 14 सेकेंड बाद यह प्लेन क्रैश हो गया. अल्माटी के तत्कालीन आपातकालीन विभाग के उप प्रमुख ने अपने बयान में कहा था कि प्लेन में न कोई आग लगी, न कोई विस्फोट हुआ, बस वह धरती पर गिर गया
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