घरेलू हिंसा के मामले क्यों खिंच रहे लंबे? सुप्रीम कोर्ट ने प्रोटेक्शन ऑफिसर की कमी पर जताई चिंता

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घरेलू हिंसा के मामले क्यों खिंच रहे लंबे? सुप्रीम कोर्ट ने प्रोटेक्शन ऑफिसर की कमी पर जताई चिंता
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सुप्रीम कोर्ट ने घरेलू हिंसा अधिनियम (डीवी ऐक्ट) के तहत दर्ज मामलों के निपटारे में हो रही देरी पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। जस्टिस बी.वी.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने डोमेस्टिक वॉयलेंस ऐक्ट के तहत दर्ज मामलों की सुनवाई को लेकर चिंता जताई है। जस्टिस बीवी नागरत्ना की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि डीवी ऐक्ट इसलिए लाया गया था कि वैवााहिक विवाद से संबंधित मामले का जल्द निपटारा हो सके, लेकिन ऐसे केस भी लंबे खिंच रहे हैं। कोर्ट ने सवाल किया कि डीवी ऐक्ट के तहत दर्ज मामले में देरी क्यों हो रही है, जबकि इस कानून के प्रावधान जल्द निपटारे और रिलीफ के लिए है? सुप्रीम कोर्ट में इसे लेकर एक एनजीओ 'द वूमेन ऑफ इंडिया' की ओर से अर्जी दाखिल की...

है।जस्टिस नागरत्ना ने क्या कहा?वहीं, जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि डोमेस्टिक वॉयलेंस ऐक्ट का मामला गुजारा भत्ता और अन्य तरह के घरेलू हिंसा से निपटने के लिए बनाया गया है। इस कानून के तहत शिकायती महिला को तमाम तरह के रिलीफ देने के प्रावधान हैं, लेकिन सवाल है कि कितना जल्द रिलीफ मिल पाता है। डीवी ऐक्ट के तहत दाखिल केस भी फैमिली कोर्ट में उसी रफ्तार में चल रहे हैं, जिस रफ्तार से बाकी केस। ऐसे मामले तुरंत समाधान के लिए होते हैं। ऐसे मामलों में जो कानून है, उसके अमल को निश्चित तौर पर देखने की जरूरत है।...

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