चीन के ड्रोन्स से भारत को बड़ा खतरा

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चीन के ड्रोन्स से भारत को बड़ा खतरा
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रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद FPV ड्रोन्स दुनिया के लिए एक नया हथियार बन गए हैं। इन ड्रोन्स की कीमत कम होने और सटीकता अधिक होने के कारण सेना के लिए बेहद लाभदायक हैं। चीन ने 10 लाख आत्मघाती ड्रोन्स मंगाने की तैयारी कर ली है जो आठ घंटे तक उड़ान भर सकते हैं।

रूस-यूक्रेन की जंग ने दुनिया को नया हथियार दिया है. ये है FPV ड्रोन्स . यानी फर्स्ट पर्सन व्यू. कैमरा लगा है. टर्बो जेट इंजन ताकत दे रहा है. जीपीएस से लैस. बाकी हथियार. टारगेट फिक्स करो और तबाही का मजा लो. ये सस्ते हैं. सटीक हैं. टारगेट रुका हुआ हो या फिर भाग-दौड़ रहा हो. अब ऐसे ही चीन के ड्रोन्स से भारत को खतरा है. जीपीएस गाइडेड आर्टिलरी शेल यानी तोप से दागा जाने वाला गाइडेड गोला जिसकी कीमत 1 लाख डॉलर प्रति गोला होती है. यानी 8.53 लाख रुपए. यानी उससे सस्ते हैं FPV ड्रोन.

इनकी कीमत मात्र 1500 डॉलर्स होती है. यानी 1.28 लाख रुपए. इतनी ही कीमत में ड्रोन और हथियार दोनों हो जाते हैं. कीमत में इतना अंतर सेना के लिए फायदेमंद है. यह भी पढ़ें: क्या इजरायल ने सीरिया में फोड़ा था छोटा परमाणु बम... बढ़े हुए रेडिएशन की रिपोर्ट में दावाटैंक हो या सैनिक किसी पर भी कर सकते हैं हमलाये ड्रोन्स एंटी-टैंक हथियारों से लैस किसी भी हाई-टारगेट वैल्यू को हिट कर सकते हैं. यहां तक कि आर्टिलरी, टैंक या मिसाइल साइलो उड़ा सकते हैं. इन्हें एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है. अगर 500 से 1000 FPV एकसाथ हमला करें तो ये किसी भी एयर डिफेंस सिस्टम को बर्बाद कर सकते हैं. Advertisementये FPV ड्रोन्स किसी भी तेज चलती हुई वस्तु, मिलिट्री ढांचे, बख्तरबंद वाहन, सैनिकों के वाहन या मिसाइल साइलो को टारगेट कर सकते हैं. पारंपरिक तौर पर ये ड्रोन्स रेडियो फ्रिक्वेंसी सिग्नल पर चलते हैं. इससे इन्हें ब्लॉक किया जा सकता है. यानी इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम के जरिए. लेकिन अब ये भी एडवांस होते जा रहे हैं. यह भी पढ़ें: पाकिस्तानी आर्मी से ट्रेनिंग लेगी बांग्लादेश की सेना... 53 साल बाद ये 'नापाक गठजोड़' बढ़ाएगा भारत की टेंशनचीन के ड्रोन हमले से भारत को बड़ा खतरा हैचीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने 10 लाख आत्मघाती ड्रोन्स मंगाने की तैयारी कर ली है. 2026 तक इनकी डिलिवरी हो जाएगी. ये हल्के, सटीक और घातक होंगे. इतना ही नहीं ये AI आधारित होंगे. चीन भविष्य के जंग की पूरी तैयारी कर चुका है. इससे खतरा ये है कि ये ड्रोन्स फिर पाकिस्तान औऱ बाद में बांग्लादेश को मिल सकत हैं. इससे भारत को तीन तरफ से खतरा बढ़ जाएगा. AI आधारित आत्मघाती ड्रोन्स आठ घंटे तक उड़ान भर सकते है

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