चीन के डीपसीक नामक नए AI मॉडल ने चैटजीपीटी को चुनौती देना शुरू कर दिया है और अमेरिका के ऐप स्टोर पर पहले ही इसे आगे निकल गया है. डीपसीक बनाने वाले का कहना है कि यह मॉडल बहुत सटीक और तेज है और इसे कम खर्च में बनाया गया है.
नई दिल्ली. OpenAI की मुश्किलें कम होती नजर नहीं रही है. एक तरफ कुछ भारतीय मीडिया कंपनियों ने ओपनएआई के खिलाफ कानूनी मोर्चा खोल रखा है, वहीं दूसरी तरफ अब चीन से भी बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. चीन ने डीपसीक (DeepSeek) नाम से नया एआई मॉडल पेश कर दिया है और ये नया एआई असिस्टेंट चैटजीपीटी को चुनौती दे रहा है. सबसे खास बात ये है कि ऐपल ऐप स्टोर पर एआई चैटबॉट से पहले ही आगे निकल चुका है. नए एआई डीपसीक ने आते ही सनसनी पैदा कर दी है.
इस महीने अमेरिका में आईफोन यूजर्स ने इसे खूब पसंद किया है. रिपोर्ट के अनुसार, ऐप स्टोर चार्ट पर ये नया एआई, चैटजीपीटी से आगे निकल गया है. हालाँकि चीन ने अभी तक अपने AI कार्ड को अपने सीने से लगाए रखा है, लेकिन शहर में नए AI चैटबॉट के आने से लड़ाई और भी तेज हो गई है. इतना ही नहीं, डीपसीक का कहना है कि उसका AI मॉडल चैटजीपीटी की तुलना में कहीं ज़्यादा सटीक और तेज है. डीपसीक वी3 मॉडल को बनाने वाले का कहना है कि इसका एआई चैटबॉट दूसरे एआई मॉडलों के बीच सबसे आगे है, लेकिन ऐसा लगता है कि कंपनी ने ओपनएआई और गूगल जैसी कंपनियों की तुलना में बहुत कम पैसे में अपना एआई बना लिया है. डीपसीक के निर्माताओं ने एक पेपर में इसका हवाला भी दिया है, जिसमें कहा गया है कि उन्होंने 6 मिलियन डॉलर से भी कम खर्च किया है और एआई मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए एनवीडिया एच800 चिप्स का इस्तेमाल किया है. हालाँकि ये पहली बार नहीं है, जब DeepSeek पहला एआई आया है, जो दूसरे एआई को कॉम्पेटिशन दे रहा है. लेकिन ये कहना गलत नहीं होगा कि ये पहला ऐसा मॉडल है जिसने वास्तव में अमेरिका में लोगों को, जिनमें तकनीकी विशेषज्ञ भी शामिल हैं, चर्चा में ला दिया है और इससे यह पता चलता है कि एआई विकास को लेकर दुनिया लंबे समय तक चर्चा करती रहेगी. डीपसीक एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रिसर्च लैब है, जिसे हाई-फ्लायर नामक एक चीनी क्वांटिटेटिव हेज फंड (Chinese quantitative hedge fund) के डीप-लर्निंग विंग, फायर-फ्लायर (Fire-Flyer) ने बनाया है. हाई-फ्लायर की स्थापना 2015 में हुई थी, और यह फाइनेंस के डेटा का विश्लेषण करने के लिए एडवांस कंप्यूटिंग तकनीकों का उपयोग करके प्रसिद्ध हुआ. 2023 तक इसके संस्थापक लियांग वेनफेंग (Liang Wenfeng) ने अपने संसाधनों को डीपसीक बनाने की तरफ मोड़ दिया. उनका लक्ष्य एक जबरदस्त एआई मॉडल पैदा करना था, जो आज तक कभी देखा न गया हो. अधिकांश चीनी एआई कंपनियों के उलट डीपसीक, बाइडू और अलीबाबा जैसे बड़े टेक दिग्गजों से दूर रहकर स्वतंत्र रूप से काम करता है. लियांग का यह प्रयास वैज्ञानिक जिज्ञासा से प्रेरित था, न कि तत्काल वित्तीय लाभ पाने के लिए. उन्होंने कहा भी, “बुनियादी विज्ञान शोध में निवेश पर हाई रिटर्न की उम्मीद कम ही होती है.” डीपसीक और ओपनएआई दोनों ने एआई का उपयोग करके अपने-अपने लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) विकसित किए हैं. हालांकि, पारंपरिक मॉडल्स के विपरीत, जो सुपरवाइज्ड फाइन-ट्यूनिंग पर निर्भर करते हैं, डीपसीक-आर1-जीरो का दावा है कि यह केवल आरएल (रिइन्फोर्समेंट लर्निंग) के साथ ट्रेनिंग के बाद मजबूत तर्क क्षमताओं के साथ उभरा है. हालांकि, पठनीयता बढ़ाने और भाषा की असंगतताओं को दूर करने के लिए डीपसीक ने डीपसीक-आर1 पेश किया.
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