मुंगेर सीट से जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की. उन्होंने 80870 वोटों के अंतर से आरजेडी प्रत्याशी कुमारी अनिता को हराया. ललन सिंह के नामांकन से ठीक पहले उनके स्वजातीय बाहुबली अनंत सिंह 15 दिनों के परोल पर बाहर निकले थे.
बिहार का मुंगेर संसदीय क्षेत्र को भूमिहार बहुल सीट माना जाता है. ऐसे में बीच चुनाव मोकामा के पूर्व विधायक और बाहुबली अनंत सिंह का परोल पर 15 दिन के लिए जेल से बाहर निकलने को भूमिहार वोटरों की गोलबंदी के पहल के रूप में देखा जा रहा है. जिस तरह से ललन सिंह का संसदीय क्षेत्र से दूर रहने को वोटरों के खफा होने का कारण बताया जा रहा था. ऐसे में इनके पक्ष में माहौल बनाना आवश्यक हो गया था. खासकर जिस समीकरण के आधार पर ललन सिंह यहां से जीतते आए हैं और उन्हें उम्मीदवार बनाया जाता है, उसे साधना जरूरी था.
टाल क्षेत्र के हर वोट बैंक पर है अनंत सिंह का प्रभावमुंगेर सीट पर जो जातीय समीकरण फीट बैठता है, उसके लिए जरूरत थी कि भूमिहार और फार्वडों के साथ-साथ पिछड़ी जाति के वोट को भी साधा जाए. ऐसे में टाल क्षेत्र में भूमिहार के साथ अन्य जातियों खासकर पिछड़ी जातियों पर भी अच्छा खासा प्रभाव रखने वाले बाहुबली अनंत सिंह ही एक ऐसा चेहरा था, जो ललन सिंह के लिए माहौल तैयार कर सकते थे. साथ ही ललन सिंह और अनंत सिंह दोनों ही भूमिहार जाति से आते है.
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