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छत्तीसगढ़ में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने कई बड़ी गड़बड़ियों का खुलासा किया है.के मुताबिक, कैग की रिपोर्ट विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन, बीते शुक्रवार को पेश की गई, जिसमें स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी 2016 से 2022 तक की ऑडिट रिपोर्ट में कई गंभीर खामियां पाई गई हैं.
इसके अलावा राज्य के नौ जिलों में 50 प्रतिशत से अधिक संख्या में स्टॉफ की कमी से स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बेहाल है. राज्य की दवा खरीद में कथित अनियमितताओं की ओर भी इशारा करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि दवाओं, औषधि और मेडिकल उपकरणों की खरीद और आपूर्ति के लिए केंद्रीकृत खरीद एजेंसी छत्तीसगढ़ राज्य चिकित्सा सेवा निगम लिमिटेड होने के बावजूद साल 2016-22 के दौरान कुल खरीद के 26 से 50 प्रतिशत खरीद एजेंसी के बिना की गई थी.
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