गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) का आयोजन देश के सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय उत्सवों में से एक है. यह दिन संविधान के लागू होने की याद में मनाया जाता है. यूं तो गणतंत्र दिवस की कई सुनहरी यादें हैं लेकिन एक बार गणतंत्र दिवस से ठीक पहले भारत को एक बड़ा झटका लगा था, जब देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का निधन हो गया था.
गणतंत्र दिवस का आयोजन देश के सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय उत्सवों में से एक है. यह दिन संविधान के लागू होने की याद में मनाया जाता है. यूं तो गणतंत्र दिवस की कई सुनहरी यादें हैं लेकिन एक बार गणतंत्र दिवस से ठीक पहले भारत को एक बड़ा झटका लगा था, जब देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का निधन हो गया था. दरअसल, साल 1966 में गणतंत्र दिवस से ठीक 15 दिन पहले लाल बहादुर शास्त्री का निधन हो गया था, जिसकी वजह से गणतंत्र दिवस की तैयारियों पर गहरा असर देखने को मिला था.
com/3MOYoOtGEx— Congress April 28, 2017यह भी पढ़ें: मुनि सभ्यता, हजारों साल रहा हिंदुओं का राज... फिर कैसे इंडोनेशिया बन गया दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम देश विदेशी मेहमान नहीं बुलाया शास्त्री की मौत के 15 दिन बाद गणतंत्र दिवस तो मना, लेकिन इसमें वैसी रौनक नहीं देखने को मिली, जैसी आमतौर पर होती है. देश ने बेहद सादगी से गणतंत्र दिवस मनाया. ऐसा कहा जाता है कि गणतंत्र दिवस पर खानापूर्ति की गई थी. यहां तक कि भारत ने किसी विदेशी मेहमान को भी आमंत्रित नहीं किया था.
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