जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने उत्तर प्रदेश के संभल जैसी घटनाओं को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि देश में संभल जैसी घटनाओं को रोकने की जरूरत है. अधिनियमों के उल्लंघन कारण ये घटनाएँ घटती हैं.
जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने उत्तर प्रदेश के संभल जैसी घटना को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. मौलाना अरशद मदनी ने कहा, " पूजा स्थलों की सुरक्षा के लिए कानून के वास्तविक स्वरूप को लागू करने की कमी के कारण देश में संभल जैसी घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है. इन घटनाओं को रोका जाना बहुत जरूरी है. पूजा स्थल अधिनियम-1991 के बावजूद निचली अदालतें मुस्लिम पूजा स्थलों का सर्वेक्षण करने के आदेश जारी कर रही हैं, जो कि कानून का उल्लंघन है.
किसी भी नागरिक के साथ धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए. इसकी इजाजत ना तो देश का संविधान देता है और ना ही कानून.मौलाना ने कहा कि संभल में अराजकता, अन्याय और क्रूरता की एक जीती-जागती तस्वीर है, जिसे न केवल देश बल्कि पूरी दुनिया के लोग अपनी आंखों से देख रहे हैं. अब नौबत गोलियों तक पहुंच गई है. कैसे संभल में बिना उकसावे के सीने में गोली मार दी गई.
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