Jamui News: जमुई जिले से आजादी की लड़ाई में सैकड़ों लोगों ने अपना योगदान दिया था। कई लोगों ने तो इस देश को आजाद करने के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। लेकिन सरकार आजादी के इन जवानों के परिजनों को कोई समुचित सम्मान नहीं दे रही है। यह बहुत ही दुखद बात है। आइए मिलते हैं, ऐसे ही एक दीवाने...
जमुई: जिले के खैरा प्रखंड क्षेत्र के खड़हुई गांव स्थित दादा रामगुलाम का घर आजादी के सेनानियों की सबसे सुरक्षित शणस्थली थी। स्वतंत्रता संग्राम के अग्रिम पंक्ति के पुरोधा रामगुलाम के नेतृत्व में जंग -ए- आजादी के दौरान प्रत्येक दिन दोपहर और रात को 1200 लोगों का भोजन बनता था। इसके अलावा आजादी के जंग के सेनानी यहां रात में जुट कर सभा करके जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में कचहरी और थाना को जलाने की रणनीति तैयार करते थे। क्रांतिकारियों की बैठक जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में भी रेल की पटरियों को उड़ाने की भी...
गीत लिखने वाले स्वतंत्रता सेनानी श्यामलाल गुप्त की कहानीअंग्रेज सिपाहियों पर नजरइनकी पुत्री दुर्गा देवी प्रत्येक दिन दोपहर के समय अंग्रेज सिपाहियों से नजर बचाकर समीप के कोलजी जंगल में शरण लेने वाले सेनानियों को भोजन पहुंचाने का काम करती थी। रात में सभी सेनानी यही पहुंचकर भोजन करते थे। इस दौरान वह भूमिगत कमरे में देर रात्रि तक बैठकर आंदोलन की रणनीति भी तैयार करते थे। आजादी की लड़ाई के दौरान रामगुलाम सिंह को 60 से 70 बार जेल की हवा भी खानी पड़ी।भारत और पाकिस्तान एक साथ आजाद हुए तो स्वतंत्रता...
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