जयपुर में होने के बाद भी कहलाता है झारखंड महादेव मंदिर, दर्शन मात्र से पूरी होती है मनोकामना!

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जयपुर में होने के बाद भी कहलाता है झारखंड महादेव मंदिर, दर्शन मात्र से पूरी होती है मनोकामना!
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झारखंड महादेव मंदिर दक्षिण भारतीय शैली के तिरुचिरापल्‍ली मंदिर जैसा दिखता हैं, जो लगभग 100 साल पुराना हैं, इसलिए यह मंदिर अपनी विशेष मान्यताओं के लिए भी प्रसिद्ध हैं.

जयपुर अपने प्राचीन मंदिरों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं, यहां हजारों वर्षों पुराने मंदिर भी हैं, जहां दर्शन के लिए देश दुनिया से लोग आते हैं, अभी सावन का महिना चल रहा हैं ओर शहर के सभी शंकर भगवान के मंदिरों में भक्तों की खूब भीड़ उमड़ रही हैं, ऐसे ही जयपुर के वैशाली नगर में स्थित झारखंड महादेव मंदिर जो अपनी विशेष दक्षिण भारत शैली और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध हैं.

आपको बता दें वैसे तो सालभर इस मंदिर में भगवान शंकर के दर्शन के लिए दूर-दूर से आते हैं लेकिन विशेष रूप से सावन के महिने में यहां भक्तों की सबसे ज्यादा भीड़ उमड़ती हैं, वर्ष 1918 तक यह मंदिर बहुत छोटे रूप में बना हुआ था बाद में इसका जीर्णोद्धार दक्षिण भारतीय शैली के रूप में किया गया, हालांकि मंदिर का केवल मुख्य द्वार ही दक्षिण भारतीय मंदिरों जैसा है, अंदर गर्भगृह उत्तर भारतीय मंदिरों से ही प्रेरित है, लेकिन कुछ अगल है, क्योंकि गर्भगृह के निर्माण के समय शिवालय में स्वत: उग आए पेड़ को काटा नहीं...

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