जया एकादशी एक महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व है जो हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष में आता है. इस दिन भगवान विष्णु के लिए व्रत रखा जाता है और उनकी पूजा की जाती है. इस वर्ष जया एकादशी 8 फरवरी को पड़ रही है. जानिए इस साल जया एकादशी के बारे में सब कुछ
हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु के लिए व्रत रखा जाता है. सालभर में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं जिनमें से एक है जया एकादशी . माघ माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को जया एकादशी कहते हैं. जया एकादशी की विशेष धार्मिक मान्यता होती है. इस एकादशी का व्रत रखने भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के साथ-साथ मां लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होती है.
माना जाता है कि जया एकादशी के व्रत से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और भगवान विष्णु कष्टों का निवारण कर देते हैं. ऐसे में यहां जानिए इस माह किस दिन रखा जाएगा जया एकादशी का व्रत और किस तरह राशि (Zodiac Sign) के अनुसार भगवान विष्णु की पूजा की जा सकती है. जया एकादशी का व्रत कब है | Jaya Ekadashi Vrat Date पंचांग के अनुसार, इस साल 7 फरवरी की रात 9 बजकर 26 मिनट पर एकादशी की तिथि शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन 8 फरवरी की रात 8 बजकर 15 मिनट पर हो जाएगा. व्रत की पूजा उदया तिथि को ध्यान में रखकर की जाती है इसीलिए 8 फरवरी, शनिवार के दिन जया एकादशी का व्रत रखा जाएगा. इस दिन पूरे मनोभाव से भगवान विष्णु की पूजा संपन्न की जा सकती है. जया एकादशी व्रत का पारण कब होगा जया एकादशी व्रत का पारण यानी व्रत तोड़ने का समय 9 फरवरी की सुबह 7 बजकर 4 मिनट से सुबह 9 बजकर 17 मिनट तक है. इस शुभ मुहूर्त में जया एकादशी का व्रत तोड़ा जा सकता है. जया एकादशी की पूजा विधि जया एकादशी के दिन सुबह उठकर स्नान पश्चात भगवान विष्णु का ध्यान करके व्रत का संकल्प लिया जाता है. इसके बाद ही श्रीहरि का पूजन होता है. मान्यतानुसार भगवान विष्णु का जलाभिषेक किया जाता है, पीला चंदन लगाया जाता है, पीले पुष्प अर्पित किए जाते हैं और प्रभु के समक्ष दीप प्रज्वलित किए जाते हैं. एकादशी की व्रत कथा पढ़ी जाती है और भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप होता है. आखिर में आरती करके भगवान को भोग लगाया जाता है और पूजा (Ekadashi Puja) संपन्न होती है. राशि के अनुसार एकादशी पूजा में रखें इन बातों का ध्यान मेष राशि - एकादशी के दिन मेष राशि के लोग जया एकादशी के दिन गंगाजल से भगवान विष्णु का जलाभिषेक करके प्रभु को पीले चंदन का तिलक लगा सकते हैं. मिथुन राशि - इस राशि के लोग जया एकादशी पर भगवान विष्णु को बेसन के लड्डू का भोग (Bhog) लगा सकते हैं. वृषभ राशि - एकादशी पर वृषभ राशि के जातक भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप अवश्य करें. कर्क राशि - भगवान विष्णु को कर्क राशि के लोग पीले रंग के फूलों को पूजा में चढ़ा सकते हैं. ऐसा करने पर भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होगी. सिंह राशि - सिंह राशि (Leo) के लोग भगवान विष्णु को जया एकदाशी पर गुड़ का भोग लगा सकते हैं. कन्या राशि - एकादशी के दिन कन्या राशि के जातक भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए उन्हें पीले चंदन का तिलक लगा सकते हैं. वृश्चिक राशि - दही और शहद से भगवान विष्णु का अभिषेक करें और भगवान विष्णु के मंत्रों (Vishnu Mantra) का जाप करते हुए पूजा संपन्न करें. तुला राशि - जया एकादशी पर तुला राशि (Libra) के लोग भगवान विष्णु का कच्चे दूध और गंगाजल से अभिषेक कर सकते हैं. इस तरह पूजा करने पर प्रभु की कृपा मिलती है. धनु राशि - एकादशी के दिन धनु राशि के लोग भगवान विष्णु को पीले रंग के फूल चढ़ा सकते हैं. इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनने भी बेहद शुभ माने जाते हैं. मकर राशि - मकर राशि के लोग जया एकादशी के दिन पूरे मनोभाव से श्री विष्णु चालीसा का पाठ कर सकते हैं. कुंभ राशि - जया एकादशी के दिन कुंभ राशि के लोग भगवान विष्णु को गुड़ और चंदन का भोग लगा सकते हैं. मीन राशि - भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए मीन राशि के लोग भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप अवश्य करें. (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.
जया एकादशी एकादशी भगवान विष्णु पूजा व्रत तिथि राशि धर्म
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
षटतिला एकादशी 2025: जानें महत्व और तुलसी जापसनातन धर्म में सभी तिथियों में एकादशी को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. साल की सभी एकादशी तिथियों पर भगवान विष्णु के निमित्त पूजा की जाती है और व्रत किया जाता है. एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु के साथ साथ मां लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है. इन्हीं में से एक है षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi 2025). मान्यता है कि षटतिला एकादशी पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के साथ साथ तुलसी की भी पूजा की जाती है और इससे जातक को बेहद शुभ फल प्राप्त होते हैं.
और पढो »
माघ माह की गुप्त नवरात्रि 2025: तिथि, महत्व और पूजा विधिगुप्त नवरात्रि 2025 की तिथि, घटस्थापना शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और 10 महाविद्याओं के बारे में जानें।
और पढो »
पौष पुत्रदा एकादशी: पुत्र प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु की पूजासनातन धर्म में एकादशी तिथि का खास महत्व है। यह पर्व प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु संग मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत रखा जाता है। धार्मिक मत है कि एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा करने से मनोवांछित फल मिलता है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा करने से निसंतान दंपतियों को पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। साथ ही घर में सुख, समृद्धि एवं शांति आती है।
और पढो »
जया एकादशी 2025: तिथि, नियम और महत्वयह लेख जया एकादशी के महत्व, तिथि, व्रत नियमों और पूजा विधान के बारे में बताता है। जया एकादशी को लेकर कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना चाहिए।
और पढो »
राशि अनुसार भोग लगाएं पुत्रदा एकादशी पर भगवान विष्णु कोपौष पुत्रदा एकादशी पर भगवान विष्णु को अपनी राशि के अनुसार भोग अर्पित करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा की प्राप्ति हो सकती है
और पढो »
लोहड़ी 2025: तारीख, पूजा विधि और महत्वलोहड़ी 2025 की तारीख, पूजा विधि और महत्व जानें. लोहड़ी किसानों की मेहनत, एकता और खुशहाली का प्रतीक है.
और पढो »