बीते सालों में इंटरनेट की आजादी को लेकर बहस तेज हुई है. दुनिया भर की सरकारें समाज और राजनीति पर पड़ते इसके प्रभाव को लेकर पसोपेश में हैं. Germany internet socialmediabill SocialMedia
बीते सालों में इंटरनेट की आजादी को लेकर बहस तेज हुई है. दुनिया भर की सरकारें समाज और राजनीति पर पड़ते इसके प्रभाव को लेकर पसोपेश में हैं. अकसर सरकारों की मंशा को लेकर भी सवाल उठते हैं. इसी कड़ी में जर्मन सरकार इंटरनेट कंपनियों के लिए नफरत वाले पोस्ट डालने वालों का पासवर्ड देना जरूरी करना चाहती है. इंरटनेट की आजादी और डिजिटल अधिकारों की वकालत करने वाले सरकार के इस कदम को यूजरों की"निजता" में अनुचित दखल मान रहे हैं. हालांकि सरकार का मानना है कि अपराध पर लगाम के लिए यह जरूरी है.
मंत्रालय की ओर से तैयार किए जा रहे बिल में ऑनलाइन पर नफरत भरे बयानों पर लगाम लगाने का लक्ष्य रखा गया है. यह फेसबुक जैसी सोशल मीडिया वेबसाइटों के लिए अधिकारियों के मांगे जाने पर इस तरह की जानकारी देना जरूरी बनाएगा. इसमें पासवर्ड के साथ ही यूजरों के अकाउंट को देखने का अधिकार भी शामिल है. आमतौर पर वेबसाइटों के पासवर्ड इनक्रिप्टेड फॉर्म में होते हैं ऐसे में वेबसाइटों के लिए उन्हें अधिकारियों को सौंपना मुश्किल काम होता है.
न्याय मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना है कि यह जज पर निर्भर करेगा कि वह अलग अलग मामलों के आधार पर फैसला करे कि आंकड़े अधिकारियों को सौंपे जाएं या फिर नहीं. इंटरनेट उद्योग से जुड़े लोगों ने बिल के प्रस्ताव का विरोध किया है. इको इंटरनेट इंडस्ट्री नेटवर्क के प्रमुख ओलिवर सुएमे का कहना है,"यह नफरत वाले अपराधों पर लगाम लगाने के लिए नहीं है बल्कि सरकार और प्रशासन को विस्तृत निगरानी का अधिकार देने के लिए है."भारत में भी बीते सालों में कई बार इंटरनेट की आजादी को लेकर यह बहस रही है. नफरत फैलाने वाले बयानों पर लगाम लगाने के लिए सरकार यहां सोशल मीडिया अकाउंट को आधार कार्ड से जोड़ने की तैयारी कर रही है.
अमेरिका के एक गैरलाभकारी रिसर्च इंस्टीट्यूट फ्रीडम हाउस के मुताबिक जनवरी 2018 से मई 2019 के बीच भारत में कम से कम 30 बार इंटरनेट की सेवा बंद की गई. अगर कश्मीर को भी इसमें शामिल कर दें तो यह संख्या 180 से ऊपर चली चाएगी. इस कदम के पीछे सरकार कानून व्यवस्था कायम रखने, हिंसा रोकने और विरोध प्रदर्शनों के साथ ही अफवाहों पर लगाम लगाने की दलील देती है. जम्मू कश्मीर में बीते चार महीने से ज्यादा से इंटरनेट बंद है.
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