जर्मनी में फरवरी में होंगे चुनाव, इससे पहले बिजली पर क्यों उठ गया सियासी बवंडर?

German Energy Transition समाचार

जर्मनी में फरवरी में होंगे चुनाव, इससे पहले बिजली पर क्यों उठ गया सियासी बवंडर?
Political DebateClimateGermany Elections
  • 📰 NDTV India
  • ⏱ Reading Time:
  • 24 sec. here
  • 34 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 125%
  • Publisher: 63%

जर्मनी में 23 फरवरी को चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में बादलों वाले सर्दियों के मौसम में देश में अस्थिर हरित ऊर्जा परिवर्तन पर पड़ने वाले प्रभाव के कारण एक गर्म चुनावी अभियान चल रहा है. हाल के महीनों में दो बार यूरोप की शीर्ष अर्थव्यवस्था में बिजली की कीमतों में अस्थायी रूप से उछाल आया है.

देश में सौर पैनलों और टर्बाइनों को बिजली देने के लिए सूर्य के प्रकाश और हवा दोनों की कमी है.इस स्थिति को "अंधकारमय शांति" कहा गया है, जिसके कारण 12 दिसंबर को बिजली की कीमत 936 यूरो प्रति मेगावाट प्रति घंटा हो गई है. यह पिछले सप्ताहों के औसत से 12 गुना अधिक है. कंजरवेटिव विपक्षी नेता फ्रेडरिक मर्ज़ की पार्टी CSU/CDU को चुनाव जीतने की पूरी उम्मीद है. मर्ज़  इस मुद्दे पर केंद्र-वाम चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ को घेर रहे हैं. यूरोप का ऊर्जा बाजार परस्पर जुड़ा हुआ है.

उन्होंने कहा कि, कभी-कभार "अस्थायी घटना" के रूप में अंधेरा छा जाता है, जो हाजिर बाजार में कीमतों को बढ़ा सकता है.प्रवक्ता स्टीफन हेबेस्ट्रेट ने कहा, "जब सूरज बहुत चमकता है, हवा बहुत चलती है, तब जर्मनी में बिजली उत्पादन बहुत सस्ता होता है. ऐसे में खुशी के साथ बिजली निर्यात किया जाता है, हमारे पड़ोसी देशों को बिजली की आपूर्ति की जाती है." नवीकरणीय ऊर्जा जर्मनी के एनर्जी मिक्स का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई है.

हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

NDTV India /  🏆 6. in İN

Political Debate Climate Germany Elections Winter Green Energy Electricity Prices Europe Sunlight And Wind Power Europe' S Energy Market Greens Fossil Fuel Nuclear Power Climate Change Greenhouse Gas Emissions German Energy Sector जर्मन ऊर्जा संक्रमण राजनीतिक बहस जर्मनी में चुनाव हरित ऊर्जा बिजली की कीमतें यूरोप सूर्य का प्रकाश और पवन बिजली यूरोप का ऊर्जा बाजार ग्रीन्स जीवाश्म ईंधन परमाणु ऊर्जा जलवायु परिवर्तन ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन जर्मन ऊर्जा क्षेत्र

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

जर्मनी में सरकार गिरी, फरवरी में चुनावजर्मनी में सरकार गिरी, फरवरी में चुनावजर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ने संसद में विश्वास मत हारकर पद से इस्तीफा दे दिया है। अब जर्मनी में फरवरी में चुनाव होंगे।
और पढो »

जर्मनी में चांसलर ओलाफ शोल्ज की सरकार गिरी, फरवरी में हो सकते हैं चुनावजर्मनी में चांसलर ओलाफ शोल्ज की सरकार गिरी, फरवरी में हो सकते हैं चुनावविश्वास मत सत्र के दौरान 733 संसद सदस्यों में से 207 ने शोल्ज सरकार के पक्ष में मतदान किया जबकि 394 ने विरोध में वोट डाला. यह प्रस्ताव पिछले महीने शोल्ज के तीन-पक्षीय गठबंधन के पतन के बाद आया है. शोल्ज ने बजट और आर्थिक नीतियों पर असहमति के कारण नवंबर में पूर्व वित्त मंत्री क्रिश्चियन लिंडनर को बर्खास्त कर दिया था.
और पढो »

जर्मनी में गिरी शोल्‍ज सरकार, 60 दिन के अंदर होंगे चुनाव, फिर से उतरेंगे मैदान मेंजर्मनी में गिरी शोल्‍ज सरकार, 60 दिन के अंदर होंगे चुनाव, फिर से उतरेंगे मैदान मेंGerman Government: जर्मनी में सरकार गिर गई है, चांसलर ओलाफ शोल्ज की सरकार ने संसद में विश्‍वास मत खो दिया है. इससे समय से पहले देश में चुनाव होने का रास्‍ता साफ हो गया है.
और पढो »

फरवरी में शुरू होंगे यूपी बोर्ड 10वीं के एग्जाम, जानें किस दिन होगा कौन-सा पेपरफरवरी में शुरू होंगे यूपी बोर्ड 10वीं के एग्जाम, जानें किस दिन होगा कौन-सा पेपरफरवरी में शुरू होंगे यूपी बोर्ड 10वीं के एग्जाम, जानें किस दिन होगा कौन-सा पेपर
और पढो »

अमेरिकी आकाश में 'रहस्यमयी' ड्रोन ! क्यों उठ रहे बाइडेन प्रशासन पर सवालअमेरिकी आकाश में 'रहस्यमयी' ड्रोन ! क्यों उठ रहे बाइडेन प्रशासन पर सवालअमेरिकी आकाश में 'रहस्यमयी' ड्रोन ! क्यों उठ रहे बाइडेन प्रशासन पर सवाल
और पढो »

संभल में शिव मंदिर पर प्रशासन के 'अतिक्रमण' वाले दावे पर क्यों उठ रहे हैं सवाल?संभल में शिव मंदिर पर प्रशासन के 'अतिक्रमण' वाले दावे पर क्यों उठ रहे हैं सवाल?संभल हिंसा का मामला उत्तर प्रदेश की विधानसभा में पहुंच गया है. विधानसभा में संभल को लेकर नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आमने-सामने आ गए. वहीं स्थानीय लोग शिव मंदिर के बारे में कई दावे कर रहे हैं.
और पढो »



Render Time: 2025-02-14 22:33:01