जर्मनी में 23 फरवरी को चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में बादलों वाले सर्दियों के मौसम में देश में अस्थिर हरित ऊर्जा परिवर्तन पर पड़ने वाले प्रभाव के कारण एक गर्म चुनावी अभियान चल रहा है. हाल के महीनों में दो बार यूरोप की शीर्ष अर्थव्यवस्था में बिजली की कीमतों में अस्थायी रूप से उछाल आया है.
देश में सौर पैनलों और टर्बाइनों को बिजली देने के लिए सूर्य के प्रकाश और हवा दोनों की कमी है.इस स्थिति को "अंधकारमय शांति" कहा गया है, जिसके कारण 12 दिसंबर को बिजली की कीमत 936 यूरो प्रति मेगावाट प्रति घंटा हो गई है. यह पिछले सप्ताहों के औसत से 12 गुना अधिक है. कंजरवेटिव विपक्षी नेता फ्रेडरिक मर्ज़ की पार्टी CSU/CDU को चुनाव जीतने की पूरी उम्मीद है. मर्ज़  इस मुद्दे पर केंद्र-वाम चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ को घेर रहे हैं. यूरोप का ऊर्जा बाजार परस्पर जुड़ा हुआ है.
उन्होंने कहा कि, कभी-कभार "अस्थायी घटना" के रूप में अंधेरा छा जाता है, जो हाजिर बाजार में कीमतों को बढ़ा सकता है.प्रवक्ता स्टीफन हेबेस्ट्रेट ने कहा, "जब सूरज बहुत चमकता है, हवा बहुत चलती है, तब जर्मनी में बिजली उत्पादन बहुत सस्ता होता है. ऐसे में खुशी के साथ बिजली निर्यात किया जाता है, हमारे पड़ोसी देशों को बिजली की आपूर्ति की जाती है." नवीकरणीय ऊर्जा जर्मनी के एनर्जी मिक्स का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई है.
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