लद्दाख की जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने लोगों से पर्यावरण के मुद्दों पर मतदान करने की अपील की है, और कहा है कि हमें ग्लेशियरों के पिघलने को रोकने, पौधों को बचाने और प्रकृति की रक्षा के लिए वोट डालना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें ऐसे जनप्रतिनिधियों की जरूरत है जो पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन पर सक्रिय रूप से काम करें। वांगचुक ने यह भी कहा कि समाज में लंबे समय से चल रही लड़ाइयों का असर देखा जा सकता है, जैसे अमेरिका में अश्वेतों के अधिकारों की लड़ाई या भारत में महिलाओं को दिए गए अधिकार। उन्होंने उम्मीद जताई कि जलवायु और पारिस्थितिकी के मुद्दे जल्द ही संसदीय चुनावों में एक महत्वपूर्ण विषय बनेंगे।
जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने गुरुवार को लोगों से पर्यावरण के मुद्दों पर मतदान करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हमें ग्लेशियरों के पिघलने को रोकने, पौधों को बचाने और प्रकृति की रक्षा के लिए वोट डालना चाहिए। वांगचुक ने पर्यावरण की रक्षा करने की अपील लद्दाख में शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में काम करने वाले सोनम वांगचुक ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि हमें ऐसे जनप्रतिनिधियों की जरूरत है जो पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन पर सक्रिय रूप से काम करें। उन्होंने नागरिकों को लोकतांत्रिक अधिकारों का
इस्तेमाल करने और मतदान के जरिए पर्यावरण की रक्षा करने की अपील की। राजनीतिक मुद्दे से संबंधित एक सवाल के जवाब में वांगचुक ने कहा कि अगर पर्यावरण को बचाने में कोई बदलाव नहीं आता, तो सरकार को बदलना पड़ेगा, लेकिन हर पार्टी को पर्यावरण के मुद्दे पर सक्रिय होना चाहिए। उनका मानना है कि सरकार को हरित पार्टी में बदलना चाहिए, बजाय इसके कि लोग व्यक्तिगत रूप से किसी नेता से संपर्क करें। समाज में लंबी लड़ाई का असर- वांगचुक कार्यक्रम के दौरान वांगचुक ने यह भी कहा कि समाज में लंबे समय से चल रही लड़ाइयों का असर देखा जा सकता है, जैसे अमेरिका में अश्वेतों के अधिकारों की लड़ाई या भारत में महिलाओं को दिए गए अधिकार। उन्होंने उम्मीद जताई कि जलवायु और पारिस्थितिकी के मुद्दे जल्द ही संसदीय चुनावों में एक महत्वपूर्ण विषय बनेंगे। साथ ही वांगचुक ने यह स्पष्ट किया कि वे खुद राजनीति में नहीं आना चाहते। उन्होंने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे नेताओं से प्रेरित नहीं हैं, जो पर्यावरण के मुद्दों को लागू करने में असहाय हैं। उनका मानना है कि बदलाव केवल जनता की भागीदारी से आएगा न कि नेताओं से। लद्दाख मुद्दे पर भी बोले वांगचुक इसके साथ ही अंति में सोनम वांगचुक ने लद्दाख में बढ़ते पर्यटन और पारिस्थितिकी पर संभावित खतरों पर भी बात की। उन्होंने कहा कि लद्दाख में बड़े होटल नहीं हैं और वहां का पर्यटन जैविक, ग्रामीण और परिवार आधारित है, जो पर्यावरण के लिए ज्यादा सुरक्षित है
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