पंजाब में आप के बिखराव या चुनावी पराभव का सीधा लाभ मुख्य विपक्षी दल के नाते कांग्रेस को ही मिलेगा लेकिन इनसे पहले बड़ी चुनावी परीक्षा इसी साल बिहार में होगी। वहां कांग्रेस लालू यादव के राजद की अगुआई वाले महागठबंधन में शामिल है। दोनों के पुराने रिश्ते हैं पर लालू कभी नहीं चाहेंगे कि कांग्रेस को बढ़ने का मौका...
राज कुमार सिंह। जिस दिल्ली में कांग्रेस ने लगातार 15 साल राज किया, उसी में लगातार तीसरी बार विधानसभा चुनाव में खाता नहीं खोल पाई। सबसे पुराने राजनीतिक दल के लिए देश की राजधानी में यह चिंता की बात होनी चाहिए, पर उसके नेताओं के बयानों में आप की सत्ता से बेदखली पर संतोष झलक रहा है। वही आप, जो कांग्रेस के साथ डेढ़ साल पहले बने विपक्षी गठबंधन ‘आईएनडीआईए’ में शामिल है और दोनों दल दिल्ली समेत कुछ राज्यों में पिछले साल लोकसभा चुनाव भी मिल कर लड़े थे। भाजपा को केंद्रीय सत्ता से हटाने के लिए हाथ मिलाने...
8 प्रतिशत मत ज्यादा हासिल किए। भले ही 67 सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई, लेकिन केजरीवाल-मनीष सिसोदिया समेत 14 सीटों पर आप की हार में उसके उम्मीदवारों ने निर्णायक भूमिका निभाई। विधानसभा में तीन बार शून्य हासिल करने के बावजूद कांग्रेसी नेताओं के बयानों से झलकते संतोष का कारण यही है कि दो राज्यों में सत्ता छीनने और कई राज्यों में जनाधार में सेंध लगाने वाली आप को उसके गढ़ में ही ध्वस्त करने में सफलता मिल गई। तर्क हो सकता है कि 43.
Congress Politics Congress Party Congress Credibility Congress Propaganda Rahul Gandhi Mallikarjun Kharge Sonia Gandhi Priyanka Gandhi
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
जागरण संपादकीय: दिल्ली में आप और कांग्रेस का द्वंद्व, वजूद के लिए आक्रामक होती कांग्रेसजाहिर है अपने अस्तित्व के लिए कांग्रेस के लिए जरूरी है कि वह पहले आप से अपना वोट बैंक वापस ले। केजरीवाल भी जानते हैं कि उनका वजूद कांग्रेस की कीमत पर ही है। भाजपा का अपना ठोस वोट बैंक और प्रतिबद्ध समर्थन आधार है। इसलिए अब उन्हें कांग्रेस भी अपना बड़ा दुश्मन नजर आने लगी है। यही कारण है कि उनके निशाने पर कांग्रेस भी...
और पढो »
जागरण संपादकीय: ट्रंप से उम्मीदें और चिंताएं, नीति निर्माताओं को रहना होगा अलर्टभारतीय शेयर बाजार में तो इसके आसार मात्र से ही गिरावट शुरू हो गई है। आप्रवासन पर लगने वाले अंकुश का तो खास असर भारत पर शायद न हो क्योंकि भारत से जाने वाले अवैध आप्रवासियों की संख्या अपेक्षाकृत कम हैलेकिन एच1बी वीजा पर जाने वाले पेशेवरों और पढ़ने जाने वाले छात्रों के वीजा पर स्वयं ट्रंप और उनके सलाहकार मस्करामास्वामी और श्रीराम कृष्णन अंकुश लगाने...
और पढो »
जागरण संपादकीय: वक्त के साथ बदलने से इनकार करता विपक्ष, वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य से मिलते संकेतयाद रहे कि 1962 1965 और 1971 के चीन और पाकिस्तान के साथ युद्धों में विपक्षी दलों ने एकाध अपवाद को छोड़कर खुले दिल से तत्कालीन केंद्र सरकारों का साथ दिया था लेकिन आज उलटा दिख रहा है। कई बार तो विपक्ष की गतिविधियां चीन और पाकिस्तान जैसे बिगड़ैल पड़ोसियों का मनोबल बढ़ाने वाली होती हैं। यह कहीं से भी उचित नहीं...
और पढो »
जागरण संपादकीय: फर्जी खबरों से निपटने की कठिन चुनौती, हर मोर्चे पर रहना होगा अलर्टइसमें कोई संदेह नहीं कि सूचनाओं के प्रसार और सामुदायिक संवाद को बढ़ावा देने में इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्मों ने अहम भूमिका निभाई है लेकिन उनमें फर्जी खबरों की बाढ़ के चलते वे कभी मुख्यधारा के मीडिया का स्थान नहीं ले सकते। परंपरागत मीडिया अपने समृद्ध इतिहास और पत्रकारीय नैतिकता के प्रति प्रतिबद्धता के साथ गलत सूचनाओं के ज्वार के विरुद्ध एक ढाल के...
और पढो »
जागरण संपादकीय: पुरानी गलतियों को सुधारने का समय, मंदिर-मस्जिद के मुद्दों से एकजुट होकर निपटेंभारत एक नई छलांग की तैयारी कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की रिपोर्ट में इसकी झलक दिख रही है। यह छलांग किसी एक समुदाय और धर्म के लोगों के लिए नहीं है। अगर विकास की गति धीमी पड़ी तो भी इसमें देर होगी। गति अवरोधक सिर्फ शासकीय-प्रशासकीय शिथिलता ही नहीं होती है। सामाजिक विवादों का भी घातक असर होता...
और पढो »
जागरण संपादकीय: राजनीति के अपराधीकरण को बढ़ावा, गंभीर आरोपों से घिरे लोगों पर लगना चाहिए बैनताहिर हुसैन पर दिल्ली दंगों में मारे गए आइबी के कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या का आरोप है। उस पर दस एफआइआर दिल्ली पुलिस की हैं और एक ईडी की है। दंगों के दौरान उसके घर की छत पर पेट्रोल बमों का जखीरा और पत्थरों के ढेर मिले थे। दिल्ली पुलिस की चार्जशीट के अनुसार उसने दंगों के पहले थाने में जमा अपनी लाइसेंसी पिस्टल रिलीज करा ली...
और पढो »