राजनीतिक दलों को मुफ्त उपहार के वादों के साथ उनके वित्तीय प्रभाव के बारे में भी लोगों को बताना होगा। इसे कानूनी रूप से बाध्यकारी करना चाहिए ताकि दीर्घकालीन कल्याणकारी योजनाओं के लिए स्थायी वित्तपोषण सुनिश्चित किया जा सके। हमें जिम्मेदार नागरिकों के रूप में अपने राजनीतिक दलों से इस संदर्भ में जवाबदेही की भी मांग करनी होगी अन्यथा यह भारतीय राज्यों...
प्रो.
1 प्रति यूनिट का अतिरिक्त उपकर लगाने का भी निर्णय किया। इतना ही नहीं अतिरिक्त राजस्व के लिए हिमाचल ने वैज्ञानिक, औद्योगिक और औषधीय उपयोग के लिए भांग की खेती को भी वैध कर दिया। ये सभी कदम राज्य में भयंकर वित्तीय कठिनाइयों को दर्शा रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए सरकार का खर्च 52,965 करोड़ रुपये होने का अनुमान है और राज्य को 5,479 करोड़ का कर्ज चुकाना है। हालात यह है कि ब्याज भुगतान में वृद्धि की भरपाई पूंजीगत खर्चों में कमी से की जा रही है। इस राजकोषीय दबाव के कारण वित्त वर्ष 2024-25 में...
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