टियर-2 और टियर-3 शहरों में देश के 30 प्रतिशत स्टार्टअप सक्रिय हैं और प्रतिवर्ष लगभग पांच लाख से ज्यादा नौकरियां सृजित कर रहे हैं। इनमें से अधिकांश उद्यम महज कुछ लाख रुपये की मामूली पूंजी से शुरू हुए। निष्कर्ष यही है कि उद्यम के लिए पूंजी अत्यंत महत्वपूर्ण है लेकिन इनोवेशन नई अर्थव्यवस्था का असली इंजन है। अब पूंजी इनोवेशन का अनुसरण करती...
अजय कुमार। उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला ने हाल में कहा, ‘आज किसी भी व्यवसाय को शुरू करने के लिए एक करोड़ रुपये भी पर्याप्त नहीं हैं।’ वह व्यवसाय को बड़े पैमाने पर बढ़ाने और इसके लिए आवश्यक पूंजी के पहलू को रेखांकित कर रहे थे। वहीं, इनोवेशन यानी नवाचार को बढ़ावा देने के अपने अनुभव के आधार पर मुझे लगता है कि आज इनोवेशन और रचनात्मकता वित्तीय संसाधनों से अधिक अहम है। एक साधारण इनोवेशन अक्सर भारी-भरकम पूंजी की तुलना में कहीं असाधारण शक्ति प्रदान करता है। भारत में स्टार्टअप इंडिया के तहत 1.
4 लाख से अधिक स्टार्टअप पंजीकृत हैं। लाखों स्टार्टअप अस्तित्व में आने की तैयारी कर रहे हैं। अधिकांश स्टार्टअप मामूली अनुसंधान अनुदान पर या छोटी व्यक्तिगत बचत पर निर्भर हैं। आईआईटी कानपुर में स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर यानी एसआईआईसी के साथ अपने जुड़ाव के आधार पर मैं कह सकता हूं कि अधिकांश स्टार्टअप दृढ़ संकल्प और एक सम्मोहक विचार से लैस और छोटे अनुदानों पर निर्भर होते हैं। कई मायनों में वे लाख रुपये से ही शुरुआत करते हैं और वे भी किसी सरकारी या गैर-सरकारी एजेंसी द्वारा प्रदान किए...
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