जूते से हम भारतीयों को कैसी-कैसी उम्मीदें होती हैं, कंपनियों को यह भी समझना चाहिए

Shoes समाचार

जूते से हम भारतीयों को कैसी-कैसी उम्मीदें होती हैं, कंपनियों को यह भी समझना चाहिए
Theory Of ShoesAmaresh Saurabh Blogजूते
  • 📰 NDTV India
  • ⏱ Reading Time:
  • 74 sec. here
  • 8 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 50%
  • Publisher: 63%

प्रतीकात्मक चित्र

नई दिल्ली: खबर है कि अब देश के लोग अपने पैरों के साइज के हिसाब से चुनकर एकदम परफेक्ट जूते पहन सकेंगे. भारतीयों के लिए अपना शू साइजिंग सिस्टम आएगा. अब साइज की खातिर लोगों को UK, US की ओर नहीं देखना पड़ेगा. लेकिन बात केवल जूते के साइज की नहीं है. जब नया मानक आ ही रहा है, तो कंपनियों को ठीक-ठीक यह भी पता होना चाहिए कि जूते से हम भारतीयों की कैसी-कैसी उम्मीदें जुड़ी होती हैं.यह भी पढ़ेंसाइज थोड़ा इधर-उधर भले ही चल जाए, पर सबसे जरूरी बात है जूते का टिकाऊ होना.

इससे कई फायदे होंगे. चिप की वजह से जूते पर बुरी नजर डालने वाले असामाजिक तत्त्व सामाजिक बनने को प्रेरित होंगे. सफर सुहाना होगा. मठ-मंदिरों में ध्यान लगाने में सबको सहूलियत होगी. ऑफिस टाइम की भागमभाग में जूते खोजने पर ज्यादा वक्त कुर्बान न होगा. जूते को लेकर कई समस्याएं तो ग्लोबल लेवेल की हैं. हां, शादी में जूते चुराने की सिनेमाई रस्म का क्या होगा, ये समाज अभी ही तय कर ले.ऐसा देखा गया है कि लोग जूते का इस्तेमाल कई तरह के कामों में करते आए हैं.

हालांकि डिमांड के हिसाब से कंपनियों को बाकी मकसद के लिए भी जूते बनाने और बेचने की छूट मिलनी चाहिए. ज्यादा टैक्स लेकर. इससे कोष भी भरता रहेगा. कंपनियों को चाहिए कि वे ऐसे डिमांड वाले जूते का वजन इतना जरूर रखें कि ये सुगमता से हवा में ज्यादा दूरी तय कर सकें. लक्ष्य से भटकाव कम से कम हो. लेकिन गैरजरूरी माल्यार्पण या सभ्य लोगों की सभा में इसकी फेंका-फेंकी की सारी जिम्मेदारी जूते के असली मालिक की हो. अब समझे, जूतों में चिप लगवाने पर इतना जोर क्यों है?वैसे तो जूते साधुवाद के पात्र होते हैं.

जूते बनाने वाली कंपनियां ये सब जानती हैं, इसलिए इनकी कम चर्चा की गई है. कंपनियां बस ये देख लें कि नए जूतों में जब तक चिप न लग जाएं, आधार लिंकिंग से काम चल जाएगा क्या? कीमत की चिंता हम ग्राहकों पर छोड़ दीजिए. जूते तो होते ही बेशकीमती हैं, क्योंकि जूतों से ही तो हमारी कीमत है! Listen to the latest songs, only on JioSaavn.comshoesTheory of shoesAmaresh Saurabh blogटिप्पणियां पढ़ें देश-विदेश की ख़बरें अब हिन्दी में | चुनाव 2024 के लाइव अपडेट के लिए हमें फॉलो करें. और जानें इलेक्शन शेड्यूल NDTV India पर.

हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

NDTV India /  🏆 6. in İN

Theory Of Shoes Amaresh Saurabh Blog जूते जूतों को लेकर सिद्धांत अमरेश सौरभ का ब्लॉग

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

इसराइल के हमले के बाद ईरान का 'ख़ामोश' रवैया क्या कहता है?इसराइल के हमले के बाद ईरान का 'ख़ामोश' रवैया क्या कहता है?इसराइल की ओर से ईरान पर शुक्रवार को किए हमले के बाद क्या हैं हालात और कैसी है शांति की संभावना.
और पढो »

मसालों के जहरीले Taste का DNA टेस्टमसालों के जहरीले Taste का DNA टेस्टभारत एक मसाला प्रेमी देश है। हम भारतीयों को हर चीज़ में मसाला चाहिए। फलों में चाट मसाला चाहिए, Watch video on ZeeNews Hindi
और पढो »

D Subbarao: 'राजनीतिक दलों के मुफ्त उपहारों पर लाना चाहिए श्वेतपत्र', पूर्व RBI गवर्नर की केंद्र को सलाहD Subbarao: 'राजनीतिक दलों के मुफ्त उपहारों पर लाना चाहिए श्वेतपत्र', पूर्व RBI गवर्नर की केंद्र को सलाहआरबीआई के पूर्व गवर्नर का कहना है कि लोगों को मुफ्त उपहारों के बारे में जागरूक करना चाहिए। सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि हम इस पर कैसे रोक लगा सकते हैं।
और पढो »

Parents Support: हर बच्चा रखता है अपने मां-बाप से ये 5 उम्मीद, पूरी न होने पर टूट जाता है नाजुक दिलParents Support: हर बच्चा रखता है अपने मां-बाप से ये 5 उम्मीद, पूरी न होने पर टूट जाता है नाजुक दिलहर माता-पिता को अपने बच्चे से कुछ उम्मीदें होती हैं। अच्छा बेटा या बेटी बनने के लिए क्या-क्या गुण होने चाहिए इस बारे में अक्सर आपने सुना होगा लेकिन क्या आप जानते हैं कि बच्चों को भी मां-बाप से कुछ उम्मीदें होती हैं। जी हां इन उम्मीदों पर खरा नहीं उतरने पर न माता-पिता के साथ उनके रिश्ते Parent Child Relationship में भी कड़वाहट आ जाती...
और पढो »



Render Time: 2025-02-16 10:50:44