जेम्स वेब टेपीस्कोप बचा सकता है पृथ्वी को, अमेरिकी विशेषज्ञ ने बताया कैसे

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जेम्स वेब टेपीस्कोप बचा सकता है पृथ्वी को, अमेरिकी विशेषज्ञ ने बताया कैसे
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अमेरिकी विशेषज्ञ ने बताया है कि इसके अवलोकन से शुक्र ग्रह के विज्ञान का भी अध्ययन किया जाएगा जो हमारी पृथ्वी को जलवायु परिवर्तन को बचाने में मददगार साबित होगा.

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप अपने निर्धारित स्थान की ओर जा रहा है और इस महीने के अंत तक वहां स्थापित हो जाएगा. यह अब तक कि सबसे जटिल और महंगी अंतरिक्ष वेधशाला बनने जा रहा है. इससे सुदूर अंतरिक्ष से लेकर हमारे सौरमंडल तक के बारे में ऐसी जानकारियां मिल सकेंगी जो अब तक हमें कभी नहीं मिल सकती थीं. इसके उपयोग से जुड़ने जा रहे एक अमेरिकी विशेषज्ञ ने बताया है कि इसके अवलोकन से शुक्र ग्रह के विज्ञान का भी अध्ययन किया जाएगा जो हमारी पृथ्वी को जलवायु परिवर्तन को बचाने में मददगार साबित होगा.

आज शुक्र ग्रह ग्रीन हाउस गैसों की वजह से बहुत ही ज्यादा गर्म है जिससे उससे नर्क कहा जाता है. सतह का तापमान 400 डिग्री सेल्सियस से भी ज्यादा है. यहां कोई पानी नहीं है और यह ग्रह सल्फ्यूरिक अम्ल के बादलों पर तैर रहा है. कोशिश यह जानने की है कि शुक्र ऐसा कैसे बना और ऐसी स्थिति क्या कहीं और भी है या हो सकती है.दूसरे सवाल का जवाब

केन और उनकी टीम दूसरे सवाल का जबाव वेब टेलीस्कोप से जानने का प्रयास करेंगे. वे यह जानने का प्रयास करेंगे कि क्या कोई बाह्यग्रह भी शुक्र के जैसा है. वेब की मदद से दूसरे बाह्यग्रहों के वायुमंडल का अध्ययन किया जा सकेगा. कोशिश यह होगी कि क्या ये ग्रह पृथ्वी की तरह ज्यादा हैं या फिर शुक्र की तरह ज्यादा हैं.बाह्यग्रहों के वायुमंडलों का अध्ययन

वेब खासतौर पर ऐसे बाह्यग्रहों में कार्बन डाइऑक्साइड और दूसरी ग्रीन हाउस गैसों अध्ययन करेगा. जो अभी तक इससे पहले नहीं हो पाता था. अब उनके वायुमंडल के अध्ययन से पता चलेगा कि क्या शुक्र का जो अंजाम हुआ है वह आम बात है या नहीं. शुक्र पर जो भी हुआ है वह प्राकृतिक कारणों से हुआ. वहीं शुक्र को पृथ्वी का भविष्य माना जाता है. ग्रीन हाउस गैसें लंबे समय में किस तरह का प्रभाव दिखाती हैं इससे हमें अपना भविष्य बचा सकते हैं.पृथ्वी पर जलवायु परिवर्तन एक बड़ी समस्या है और तापमान बढ़ता जा रहा है.

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