देश की सबसे छोटी लोकसभा सीट दिल्ली की चांदनी चौक है। पुरानी दिल्ली की इस सीट का रोमांचक इतिहास रहा है। यहां जिस पार्टी का उम्मीदवार जीतता है अमूमन उसकी ही केंद्र में सरकार बनती है। पिछले दो बार से यहां बीजेपी जीत रही है।
नई दिल्ली: चांदनी चौक वैसे तो क्षेत्रफल के हिसाब से देश की सबसे छोटी संसदीय सीट है, लेकिन देश का मूड तय करने वाली मानी जाती है। इस सीट पर अब तक 16 चुनावों में ज्यादातर वक्त केंद्र की सत्ता उसी पार्टी के पास रही, जिस पार्टी के प्रत्याशी की यहां से जीत हुई। सिर्फ दो बार ही ऐसा हुआ कि यहां से जीत दर्ज करने वाले प्रत्याशी की सत्ता केंद्र में नहीं रही। 16 चुनावों में 9 बार कांग्रेस 6 बार बीजेपी ने बाजी मारी है। 1977 में जनता पार्टी ने भी एक बार इस सीट से जीत दर्ज की थी। यहां वोटरों की संख्या करीब...
हर्षवर्धन पर भरोसा जताया।सीट का गणितचांदनी चौक लोकसभा में वोटरों की संख्या 15,61,828 है। इसमें पुरुषों की संख्या 8,48,303 और महिला वोटरों की संख्या करीब 7,13,393 है। महत्वपूर्ण तथ्य ये है कि 2004 के चुनाव तक चांदनी चौक देश का सबसे छोटा निर्वाचन क्षेत्र माना जाता था। 2008 में हुए डिलिमिटेशन में बाहरी दिल्ली से कुछ विधानसभा क्षेत्रों को इसमें शामिल किया गया। इस तरह से अब दिल्ली के अन्य संसदीय क्षेत्रों की तरह चांदनी चौक संसदीय क्षेत्र में भी दस विधानसभा क्षेत्र हैं। इस सीट पर वैश्य समुदाय के...
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जिसने जीता चांदनी चौक, उसी पार्टी की बनती रही सरकार, समझिए देश की सबसे छोटी लोकसभा सीट का चुनावी गणितदेश की सबसे छोटी लोकसभा सीट दिल्ली की चांदनी चौक है। पुरानी दिल्ली की इस सीट का रोमांचक इतिहास रहा है। यहां जिस पार्टी का उम्मीदवार जीतता है अमूमन उसकी ही केंद्र में सरकार बनती है। पिछले दो बार से यहां बीजेपी जीत रही है।
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