ज्ञान विज्ञान: ब्रह्मांड की गहराई को देखेगी अब एक नई आंख, जल्द खुलने वाले हैं कई राज
अमेरिकी खगोल वैज्ञानिक एडविन हबल ने सबसे पहले यह सिद्ध किया था कि हमारी मिल्की-वे आकाशगंगा के आगे दिखने वाले अनेक ऑब्जेक्ट दरअसल दूसरी आकाशगंगाओं की मौजूदगी दर्शाते हैं। तब से खगोल वैज्ञानिक यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि सबसे पुरानी आकाशगंगाएं कितनी पुरानी हैं, उनका गठन कैसे हुआ और बाद में उनमें क्या बदलाव हुए?
हबल के नाम से मशहूर हो चुके नासा के टेलिस्कोप ने ब्रह्मांड के बारे में बहुत सी नई जानकारियां हमें दी हैं। लेकिन उसके बहुत से रहस्य अनसुलझे हैं, बहुत से सवालों के जवाब खोजे जाने बाकी हैं। खगोल वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि नए जेम्स वेब टेलिस्कोप से ब्रह्मांड में ज्यादा गहराई तक झांका जा सकेगा। यह टेलिस्कोप 22 दिसंबर को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। ब्रह्मांड में दूर तक झांकने के लिए इस टेलिस्कोप में बहुत बड़ा दर्पण लगाया गया है। यह दर्पण करीब 6 मीटर चौड़ा है। इस पर एक शेड लगा हुआ है जिसका आकार टेनिस...
इसके अलावा टेलिस्कोप में चार पृथक कैमरे और सेंसर सिस्टम हैं। यह टेलिस्कोप एक सैटलाइट डिश की तरह काम करता है। किसी तारे या आकाशगंगा से आने वाली रोशनी टेलिस्कोप के मुख में प्रवेश करेगी और प्राथमिक दर्पण से टकराकर चार सेंसरों तक जाएगी। एक सेंसर प्रकाश को विभिन्न रंगों में विभक्त करेगा और हर एक रंग की ताकत को नापेगा। एक अन्य सेंसर प्रकाश की वेवलेंथ को नापेगा। जेम्स वेब टेलिस्कोप से वैज्ञानिक यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि हमारी मिल्की-वे आकाशगंगा में तारों का गठन किस प्रकार होता है। साथ ही इससे...
वेब टेलिस्कोप के दर्पण में 16 भाग हैं और वह हबल टेलिस्कोप के दर्पण के मुकाबले 6 गुणा ज्यादा प्रकाश एकत्र कर सकता है। वेब टेलिस्कोप को पर्यवेक्षण के दौरान एक बड़ी जटिल समस्या का सामना करना पड़ेगा। चूंकि ब्रह्मांड का विस्तार हो रहा है, वे आकाशगंगाएं भी पृथ्वी से दूर जा रही हैं जिनका वैज्ञानिकों द्वारा अध्ययन किया जाएगा। दूर जाने वाली आकाशगंगाओं के प्रकाश की वेवलेंथ दृश्य प्रकाश से इंफ्रारेड लाइट में तब्दील हो जाएगी। इंफ्रारेड लाइट एक विद्युत- चुंबकीय रेडिएशन है जिसकी वेवलेंथ दृश्य प्रकाश से बड़ी...
जेम्स वेब टेलिस्कोप आधुनिक इंजीनियरिंग का उत्कृष्ट नमूना है। इसका विकास नासा, यूरोपियन एजेंसी और कैनेडियन स्पेस एजेंसी ने मिल कर किया है। इस प्रॉजेक्ट पर काम 1996 में शुरू हुआ था। इसे पहले 2005 में अंतरिक्ष में स्थापित किया जाना था, लेकिन प्रक्षेपण की तारीख आगे खिसकती रही। इस दौरान टेलिस्कोप के डिजाइन में सुधार होते रहे। 2016 में टेलिस्कोप के निर्माण का कार्य पूरा हुआ। इसके पश्चात इसके विस्तृत परीक्षण का दौर शुरू हुआ। 2018 में परीक्षण के दौरान टेलिस्कोप की शील्ड फट जाने के बाद नासा ने इसका...
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
काशी विश्वनाथ धाम परियोजना: शुरुआत से जुड़े हैं पीएम मोदी, 13 दिसंबर को करेंगे शुभारंभPM Narendra Modi Unveil Kashi Vishwanath Dham Project: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम प्रोजेक्ट का 13 दिसंबर को उद्घाटन करेंगे. 30 हजार स्क्वेयर फीट में फैले इस विशाल प्रोजेक्ट को श्रद्धालुओं की सुविधाओं में बढ़ोतरी के उद्देश्य से तैयार किया गया है. इसमें ललिता घाट से काशी विश्वनाथ मंदिर तक यात्री सुविधा केंद्र समेत कई सुविधाओं की व्यवस्था की गई है. इस कार्यक्रम में देशभर के विख्यात संतों, ज्योतिर्लिंग के महंत, पीठाधीश्वर और महामंडलेश्वर को आमंत्रित किया गया है.
और पढो »
टेनिस: चीन में नहीं होगा कोई टूर्नामेंट, पेंग शुआई की सुरक्षा को लेकर लिया गया फैसलाटेनिस: चीन में नहीं होगा कोई टूर्नामेंट, पेंग शुआई की सुरक्षा को लेकर लिया गया फैसला WomenTennisAssociation China TennisTournament PengShuai
और पढो »
देवास में अनोखी बकरी: दोपहर में एक आंख की बकरी ने लिया जन्म, देखने के लिए लगा हुजूम, शाम को दम तोड़ादेवास जिले के मोहसिन पुरा क्षेत्र में एक आंख वाली बकरी ने जन्म लिया। इस बकरी का जन्म अराफात खान के घर हुआ है। मामले की खबर फैलते ही अराफात के घर उसे देखने के लिए हुजूम लग गया। लोग इसे कुदरत का करिश्मा मान रहे थे। मंगलवार को इस अजूबा बकरी का जन्म हुआ था। हालांकि शाम काे उसकी मौत हो गई। | मंगलवार दोपहर एक आंख की बकरी ने लिया जन्म, बकरी देखने लगा हुजूम, शाम को तोड़ा दम
और पढो »
कथक गुरु बिरजू महाराज बोले : आधुनिक दौर में भी शास्त्रीय नृत्य को आगे ले जाने वालों की कमी नहींकथक गुरु बिरजू महाराज बोले : आधुनिक दौर में भी शास्त्रीय नृत्य को आगे ले जाने वालों की कमी नहीं BirjuMaharaj KathakDance
और पढो »
Kahani Uttar Pradesh ki: ढांचा विध्वंस के बाद जब किरण बेदी से कोर्ट ने कहा- कल्याण सिंह को जेल में डालिएकल्याण सिंह को जेल भेजे जाने का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने दिया था। अदालत ने यह माना कि अपने हलफनामे के खिलाफ कल्याण सिंह ने विवादित ढांचे की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए।
और पढो »