झारखंड सरकार ने राज्य के चार जिलों में जंगल सफारी बनाने की योजना बनाई है। यह योजना पर्यटन और वन विभाग को मिलकर संचालित की जाएगी।
झारखंड सरकार ने राज्य के चार जिलों में जंगल सफारी बनाने की योजना बनाई है। पर्यटन विभाग की ओर से दलमा, पलामू, पारसनाथ और हजारीबाग में जंगल सफारी का प्रस्ताव है। इस जंगल सफारी पर करीब आठ सौ करोड़ रुपये का खर्च आएगा। पर्यटन विभाग ने इको टूरिज्म को ध्यान में रखते हुए इस योजना तैयार की है। राज्य के चार वन्य जीव अभयारण्य में बनने वाली जंगल सफारी पर्यटकों को प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद मिलेगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर पर्यटन विभाग की ओर से चार जंगल सफारी का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
चारों स्थानों पर प्रस्तावित जंगल सफारी का संचालन पर्यटन और वन विभाग की ओर से मिलकर किया जाएगा। हर अभयारण्य में जंगल सफारी पर करीब दो सौ करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है। इस तरह से पलामू, दलमा, हजारीबाग और गिरिडीह में बनने वाले जंगल सफारी पर लगभग आठ सौ करोड़ रुपये खर्च होंगे। वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में पर्यटन विभाग की ओर से इस राशि का प्रावधान किया जाएगा। पलामू स्थित बेतला नेशनल पार्क राज्य का इकलौता बाघ अभयारण्य है। यहाँ पर्यटक विशेष तौर पर बाघ देखने आते हैं। वहीं दलमा वन्यजीव हाथियों को लेकर प्रसिद्ध है। हजारीबाग वन्यजीव अभयारण्य में सांभर, चीतल, नीलगाय, भालू और लकड़बग्घा हैं। पारसनाथ वन्यजीव अभयारण्य में तेंदुआ, सांभर, भौंकने वाला हिरण, लकड़बग्घा, जंगली सूअर, नेवला, जंगली बिल्ली और साही जैसे जानवर पाए जाते हैं। पर्यटक बेतला टाइगर रिजर्व, दलमा, हजारीबाग और पारसनाथ वन्यजीव अभयारण्य में सफारी में खुले में घूमते हुए वन्यजीव को कार या बस से देख पाएंगे। ईको टूरिज्म पर्यावरण अनुकूल पर्यटन है। इसमें पर्यावरण और स्थानीय लोगों को फायदा मिलेगा
Jharkhand Jungle Safari Eco Tourism Tourism Department Wildlife Sanctuaries
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