श्रीनगर गढ़वाल. अगेती मटर की की खेती सितम्बर माह के अंत से अक्टूबर के शुरुआत तक की जाती है. मटर की इन किस्मों की सबसे खास बात यह है कि ये 50 से 60 दिनों में तैयार हो जाती है, जिससे खेत जल्दी खाली हो जाता है और किसान दूसरी फसलों की बुआई इसके बाद कर सकते हैं. अगेती मटर जल्दी तैयार होने से किसानों को अच्छा मुनाफा मिलता है.
गढ़वाल विश्वविद्यालय के उद्यानिकी विभाग के शोधार्थी ईश्वर सिंह ने लोकल 18 को बताया कि शुरुआती समय में जब मटर की पौध बड़ी होती है तो उसमें बीमारी देखने को मिलती है जिसे झुलसा रोग कहते हैं. झुलसा रोग के कारण मटर की पत्तियों पर छोटे, गहरे हरे, पानी से लथपथ धब्बे दिखाई देते हैं. ये धब्बे अक्सर पत्ती के आधार के पास होते हैंईश्वर सिंह बताते हैं कि यह एक रोगाणु जनित रोग है, जो मिट्टी में रहने वाले रोगाणु से फैलता है.
यह एक गंभीर समस्या है, जिससे फसल बर्बाद होने का खतरा बना रहता है. यह रोग मटर के अलावा अन्य फसलों में भी हो सकता है. ईश्वर सिंह बताते हैं कि मटर की बुवाई के समय मिट्टी की गहरी जुताई करनी चाहिए. जुताई के बाद खेत को 3 से 4 दिन तक खेत को खुला छोड़ दें, ताकि मिट्टी में मौजूद रोगाणु धूप से नष्ट हो जाएं और बाद में फसल को नुकसान न पहुंचाएं. अगर इसके बावजूद झुलसा रोग दिखाई दे, तो फेनोमेडोन मैनकोज़ेब को 3 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव कर सकते हैं.
मटर का फसल मटर की फसल पर झुलसा रोग का खतरा झुलसा रोग बर्बाद कर सकती है मटर की फसल किसान समय रहते करें बचाव Pea Cultivation Pea Crop Risk Of Blight Disease On Pea Crop Blight Disease Can Destroy Pea Crop Farmers Should Take Timely Precautions
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
गन्ने की फसल को बर्बाद कर देता है ये रोग, जानिए इसकी पहचान और बचावProtect Sugarcane from Red Rot: कई दिनों तक खेत में पानी जमा रहने से रेड रॉट (कैंसर) की समस्या बढ़ जाती है. इस रोग के कारण गन्ने की फसल पूरी तरह से नष्ट हो जाती है. इसलिए जहां भी इसका प्रकोप दिखे, उस गन्ने को तुरंत उखाड़ कर जला देना चाहिए. साथ ही, उस स्थान पर ब्लीचिंग पाउडर मिलाकर गड्ढे को बंद करना चाहिए. गन्ने को चीर कर लालपन की जांच भी करें.
और पढो »
भूरा रोग बर्बाद कर सकता है धान की फसल, कृषि वैज्ञानिक ने बताया रोकथाम के उपायBrown Disease in Paddy: भूरा रोग धान के फसलों में बेहद तेजी से फैलता है. जिस कारण से एक खेत से दूसरे खेत तक यह तेजी से फैल जाता है. यह धान के पौधों के साथ-साथ उनके अंकुरों को प्रभावित करता है, जिससे कई दानों में अनाज नहीं आता है.
और पढो »
कीटनाशक के छिड़काव से पहले जान लें ये जरूरी बातें, नहीं तो फायदे की जगह हो जाएगा नुकसानधान की फसल को रोपे हुए लगभग एक महीना हो चुका है और इस समय किसान बेहतर उत्पादन के लिए फसल की देखभाल में जुटे हुए हैं.
और पढो »
डाइजेशन से लेकर खून की कमी को पूरा करता है ये तेल, जानें कैसे करें प्रयोगडाइजेशन से लेकर खून की कमी को पूरा करता है ये तेल, जानें कैसे करें प्रयोग
और पढो »
सूखा रोग गन्ने की ग्रोथ को कर देता है प्रभावित, किसान ना करें नजरअंदाज, एक्सपर्ट से जानें उपचार का तरीकाकृषि विज्ञान केन्द्र सुल्तानपुर में कार्यरत कृषि वैज्ञानिक डॉ. एके सिंह ने बताया कि गन्ने के ऊपरी भाग में सूखा रोग लगता हुआ दिखाई दे तो सिंचाई शाम को करें और इमिडाक्लोप्रिड का 200 लीटर पानी में घोल बनाकर गन्ने की फसल पर शाम को सिंचाई के साथ कम से कम दो बार छिड़काव करें. इससे सूखा रोग खत्म हो जाएगा और गन्ना सही तरीके से विकसित होगा.
और पढो »
नींद की कमी से हो सकती हैं ये 5 घातक बीमारियां, जानें कैसे करें बचावEffectsOfLackOfSleep: नींद पूरी न होने से शरीर को हो सकते हैं कई बड़े नुकसान जानें नींद की कमी से इम्यून सिस्टम, मस्तिष्क, वजन, दिल और मानसिक स्वास्थ्य पर होने वाले असर और इससे कैसे बचें.
और पढो »