Jehangir Ratanji Dadabhoy Tata: जेआरडी टाटा का जन्म पेरिस में हुआ था इसलिए उनके पास दोहरी नागरिकता था. वह ब्रिटिश भारत के साथ फ्रांस के भी नागरिक थे. उस समय फ्रांस में युवाओं के लिए सैन्य सेवा अनिवार्य थी. जेआरडी को भी सैन्य सेवा में जाना पड़ा था. उनकी भर्ती घुड़सवार रेजिमेंट में हुई थी, वह दूसरे दर्जे के सिपाही थे.
Jehangir Ratanji Dadabhoy Tata : सुनकर या पढ़कर एकबारगी यकीन तो नहीं होता, लेकिन यह हकीकत है. सबसे कम उम्र में भारत के सबसे बड़े उद्योग समूह की बागडोर संभाालने वाले जेआरडी टाटा फ्रांसीसी सेना में सिपाही रहे थे. जेआरडी टाटा का जन्म 29 जुलाई 1904 को फ्रांस की राजधानी पेरिस में हुआ था. वह प्रतिष्ठित भारतीय पारसी बिजनेसमैन रतनजी दादाभाई टाटा और सूनी टाटा की दूसरी संतान थे. जेआरडी की मां फ्रेंच थीं. इसीलिए कहा जाता है कि जेआरडी टाटा अंग्रेजी से बढ़िया फ्रेंच बोला करते थे.
” थे द्वितीय श्रेणी के सिपाही जेआरटी टाटा ने एमवी कामथ को बताया था, “हम अरबी घोड़ों की सवारी करते थे. अरबी घोड़ों की सवारी यूरोपीय घोड़ों की सवारी से बिल्कुल अलग थी. सेना में मैंने जो भी घुड़सवारी सीखी थी, वह पोलो खेलने या मौज-मस्ती के लिए सवारी करने के लिए मेरे किसी काम की नहीं थी. क्योंकि मैं पांच बच्चों वाले परिवार में बड़ा बेटा था, इसलिए मुझे सेना में छह महीने कम दिए गए. इसलिए डेढ़ साल की जगह मुझे एक साल का समय मिला. मेरी रेजिमेंट का नाम था ले स्पाहिस, यानी सिपाही.
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