इंदौर की आईटी कंपनी टास्कस ने 300 से अधिक कर्मचारियों को फर्जीवाड़े के आरोप में नौकरी से निकाल दिया। कर्मचारियों ने कंपनी के बाहर प्रदर्शन किया और नौकरी पर वापस रखने की गुहार लगाई, लेकिन कंपनी ने नियमों का हवाला देकर सैकड़ों कर्मचारियों को नोटिस देकर छंटनी की।
इंदौर स्थित आईटी और बीपीओ कंपनी टास्कस में बुधवार रात उस वक्त हंगामा मच गया, जब कंपनी ने 300 से अधिक कर्मचारियों को प्रोजेक्ट बंद होने और जांच के नाम पर नौकरी से निकाल दिया। इसके बाद कर्मचारियों ने कंपनी के बाहर प्रदर्शन किया। कई कर्मचारी रोते हुए एचआर विभाग से नौकरी पर वापस रखने की गुहार लगाते नजर आए, लेकिन कंपनी ने केवल नियमों का हवाला देकर उन्हें चलता कर दिया। जब विवाद बढ़ा तो कंपनी की सुरक्षा टीम ने खजराना पुलिस को मौके पर बुलाया। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि कंपनी बार-बार नियमों का सहारा
लेकर किसी न किसी प्रोजेक्ट के खत्म होने पर एक साथ सैकड़ों कर्मचारियों को केवल 13 दिनों के नोटिस पर नौकरी से निकाल देती है। इस बार भी कंपनी ने ऐसा ही किया। कर्मचारियों का कहना है कि कंपनी प्रोजेक्ट में फर्जीवाड़े का बहाना बनाकर कार्रवाई करती है। पुलिस बुलाना पड़ी इस घटना में कंपनी ने बताया कि प्रोजेक्ट में करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा हुआ है। कंपनी ने इस मामले में जांच का हवाला देते हुए कर्मचारियों को नियमों के आधार पर टर्मिनेट करने की बात कही। पुलिस को बुलाकर सभी प्रदर्शनकारियों को कंपनी परिसर से बाहर कर दिया गया और खजराना पुलिस ने उन्हें थाने में शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी। परिवार संकट में आ गया कर्मचारी अभिनव ने अपनी पीड़ा साझा करते हुए कहा कि अचानक नौकरी से निकाल दिए जाने के कारण उनके जैसे कई लोग गंभीर संकट में हैं। हर किसी की ईएमआई, परिवार का खर्च और अन्य जिम्मेदारियां हैं। एकाएक नौकरी छिन जाने से अब कोई दूसरी कंपनी भी उन्हें नौकरी पर रखने को तैयार नहीं होगी। कुछ कर्मचारियों ने अपनी स्थिति को इतना खराब बताया कि उन्होंने आत्महत्या तक के विकल्प का जिक्र किया। दो लोगों पर फर्जीवाड़े का आरोप एक अन्य कर्मचारी मानसी ने बताया कि उनकी टीम एक बिटकॉइन कंपनी के लिए काम करती थी। इस प्रोजेक्ट से जुड़े दो लोगों द्वारा किए गए फर्जीवाड़े के कारण पूरे प्रोजेक्ट पर संकट आ गया। इसके चलते, बुधवार रात एचआर ने सभी कर्मचारियों को एक मैसेज भेजकर कहा कि वे अब ऑफिस न आएं। सभी से अपने पहचान पत्र और अन्य सामान जमा करने के लिए कहा गया। कंपनी ने 8.1 एग्रीमेंट का हवाला देते हुए उन्हें 13 दिन का नोटिस दिया, जबकि नियमों के तहत 90 दिन का नोटिस दिया जाना चाहिए था। कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने कोई गलती नहीं की है, लेकिन फर्जीवाड़े के नाम पर सैकड़ों लोगों को सजा दी जा रही है। कंपनी ने यह भी कहा कि जहां शिकायत करनी हो, वहां करें, क्योंकि कार्रवाई पूरी तरह से नियम और एग्रीमेंट के अनुसार की गई है
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