टीबी की दवा से कोरोना को हराने के लिए इसी सप्ताह चालू होगा इंसानी परीक्षण CoronaUpdate Lockdown coronavirus CoronaHotSpots CoronaVirusUpdate coronaupdatesindia PMOIndia MoHFW_INDIA Vaccine HumanTrail
- फोटो : social mediaकोरोना वायरस महामारी के इलाज के लिए टीबी वैक्सीन से उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है। अमेरिका की टैक्सास एएंडएम यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने करीब 1800 अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कर्मियों को इस वैक्सीन के कोरोना वायरस पर प्रभाव की जांच के चौथे और आखिरी चरण यानी इंसानी परीक्षण के लिए स्वयंसेवक के तौर पर बुलाया है।
शोधकर्ताओं को यह साबित करने की उम्मीद है कि बीसीजी से कोरोना वायरस के प्रभाव में कमी आती है। इससे कोरोना संक्रमण के कारण बहुत कम लोगों के अस्पतालों में भर्ती होने या मरने की संभावना बचती है।यूनिवर्सिटी ने एक बयान में कहा, शोधकर्ता ब्लैडर कैंसर के इलाज में भी काम आने वाली इस वैक्सीन को दोबारा उपयोग करने की मांग कर रहे हैं। बीसीजी को कोरोना वायरस के खिलाफ उपयोग करने के लिए महज छह महीने में सभी जगह उपलब्ध कराया जा सकता है, क्योंकि यह पहले ही कई अन्य बीमारियों के इलाज में उपयोग के लिए सुरक्षित...
डॉ. सिरिलो के मुताबिक, बीसीजी से कोरोना वायरस संक्रमण को ठीक नहीं किया जा सकता, लेकिन कोरोना की वैक्सीन तैयार होने तक यह उसकी कमी के अंतर को थोड़ा भर सकता है, ताकि हमें वैक्सीन विकसित करने के लिए थोड़ा और समय मिल जाए। शोधकर्ताओं को यह साबित करने की उम्मीद है कि बीसीजी से कोरोना वायरस के प्रभाव में कमी आती है। इससे कोरोना संक्रमण के कारण बहुत कम लोगों के अस्पतालों में भर्ती होने या मरने की संभावना बचती है।यूनिवर्सिटी ने एक बयान में कहा, शोधकर्ता ब्लैडर कैंसर के इलाज में भी काम आने वाली इस वैक्सीन को दोबारा उपयोग करने की मांग कर रहे हैं। बीसीजी को कोरोना वायरस के खिलाफ उपयोग करने के लिए महज छह महीने में सभी जगह उपलब्ध कराया जा सकता है, क्योंकि यह पहले ही कई अन्य बीमारियों के इलाज में उपयोग के लिए सुरक्षित...
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