अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से अमेरिकी सैन्य प्रौद्योगिकी की खरीद में उल्लेखनीय वृद्धि करने का आग्रह किया है. अमेरिकी प्रशासन फाइटर जेट इंजन के लिए सह-उत्पादन सौदे और लड़ाकू वाहनों के संयुक्त विनिर्माण पर जोर दे रहा है. हालांकि भारत 'मेक इन इंडिया' पर भरोसा जता रहा है और अपनी शर्तों पर ही डील करने की कोशिश करेगा.
नई दिल्ली: अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शपथ लेने के बाद चर्चा में हैं. उन्होंने कई ऐसे फैसले लिए हैं जिसकी चर्चा लगातार हो रही है. ट्रंप प्रशासन अब भारत से बड़ी डिफेंस डील चाहता है. खबर है कि ट्रंप प्रशासन भारत से अमेरिकी सैन्य प्रौद्योगिकी की खरीद में उल्लेखनीय वृद्धि करने का आग्रह कर रहा है. इसकी लागत 2007 से अब तक 25 बिलियन डॉलर से अधिक हो चुकी है. चल रही बातचीत में फाइटर जेट इंजन के लिए सह-उत्पादन सौदे और लड़ाकू वाहनों के संयुक्त विनिर्माण शामिल हैं.
पढ़ें- हमास के लिए सहानुभूति तो अमेरिका में नहीं रह पाएंगे, ट्रंप करने जा रहे देश निकालने की तैयारी भारत की क्या है चाहत? एक अधिकारी ने कहा, “भारत को नए ट्रंप प्रशासन के साथ सावधानी से बातचीत करनी होगी. अमेरिकी सैन्य तकनीक निश्चित रूप से शीर्ष स्तर की है. लेकिन इसे उचित लागत पर विदेशी सहयोग के साथ ‘मेक इन इंडिया’ की हमारी नीति के साथ तालमेल बिठाना होगा. भारत सीधे खरीद के बजाय सह-विकास और सह-उत्पादन चाहता है.
अमेरिका भारत सैन्य डील ट्रंप प्रशासन मेक इन इंडिया
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
भारत ट्रंप प्रशासन के साथ द्विपक्षीय वार्ता में कोई देरी नहीं करना चाहताविदेश मंत्री एस. जयशंकर अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथग्रहण समारोह के कुछ ही घंटे बाद ट्रंप प्रशासन के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।
और पढो »
सावधान! क्या आपने भी खरीदा था यहां प्लॉट? 480 करोड़ की जमीन पर चला बुलडोजरप्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी जमीन या संपत्ति की खरीद से पहले उसकी पूरी जांच-परख कर लें, ताकि किसी धोखाधड़ी का शिकार न हों.
और पढो »
डोनाल्ड ट्रंप का भारत और चीन के साथ रिश्ते: टैरिफ वार और बड़ी चुनौतियांइस लेख में डोनाल्ड ट्रंप के भारत और चीन के साथ रिश्तों पर ध्यान केंद्रित किया गया है. ट्रंप के अमेरिका राष्ट्रपति पद पर आने से टैरिफ वार की आशंका बढ़ गई है, खासकर भारत और चीन के साथ. कार्यक्रम में चीन से निपटने की ट्रंप की रणनीति और ब्रिक्स मुद्रा की संभावना पर भी चर्चा की गई है. लेख में ट्रंप प्रशासन और भारत के बीच संभावित सहयोग और चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला गया है.
और पढो »
भारत के साथ कैसे मजबूत रिश्ते चाहता है ट्रंप प्रशासन : US विदेश मंत्री से बैठक के बाद एस जयशंकर ने बतायाविदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि ट्रंप प्रशासन क्वाड के उद्घाटन समारोह में भारत की उपस्थिति चाहता है और द्विपक्षीय संबंधों को प्राथमिकता दे रहा है. उन्होंने कहा कि जो मजबूत नींव रखी गई है, उस पर संबंधों को और मजबूत किया जा रहा है.
और पढो »
अमेरिका-रूस संबंध: ट्रंप की जीत पर रूस की प्रतिक्रिया संयमपूर्णडोनाल्ड ट्रंप की अमेरिकी राष्ट्रपति पद की जीत पर रूस की प्रतिक्रिया संयमित रही है. ट्रंप अपने पहले कार्यकाल के दौरान मास्को की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे और रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए. ट्रंप प्रशासन के रूख से मॉस्को परेशान है और रूस के साथ संबंधों को बेहतर बनाने के लिए उम्मीद नहीं कर रहा है. अमेरिकी प्रतिबंधों से रूस के तेल व्यापार पर असर पड़ेगा, जिसका भारत पर भी प्रभाव पड़ेगा. भारत, दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल उपभोक्ता, रूस से अपने तेल आयात पर निर्भर है.
और पढो »
डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी नीतियां लागू करने के लिए जिन 10 लोगों को चुना है वो कौन हैंट्रंप ने अपने प्रशासन के लिए जिन लोगों को नियुक्त किया है उन सब में एक बात समान है, और वह है शीर्ष व्यक्ति के प्रति उनकी निष्ठा.
और पढो »