डीजी रेल मुरारी लाल मीणा के करीबी को साइबर अपराधियों ने उनके आवाज की कापी कर दो लाख रुपये की ठगी कर ली है।
राज्य ब्यूरो, रांची। डीजी रेल मुरारी लाल मीणा की आवाज में उनके करीबी से ही साइबर अपराध ियों ने दो लाख रुपये की ठगी कर ली है। इस मामले में समाचार लिखे जाने तक प्राथमिकी तो दर्ज नहीं हुई थी, लेकिन झारखंड पुलिस की साइबर सेल पूरे मामले की जांच में जुट गई है। जिस खाते में रुपये स्थानांतरित किए गए हैं, उस खाता के खाताधारी तक पहुंचने के लिए पुलिस प्रयासरत है। साइबर अपराध ियों ने वॉयस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग कर लोगों को चूना लगाने का यह नया तरीका अपना लिया है। इसी के तहत अपराधियों ने डीजी रेल
मुरारी लाल मीणा के करीबी को एक अज्ञात नंबर से काल किया। पहले हाल-चाल जाना। इसपर करीबी को लगा कि मुरारी लाल मीणा ही उससे बात कर रहे हैं। इसके बाद उक्त अज्ञात नंबर वाले साइबर अपराधी ने मुरारी लाल मीणा के आवाज में ही उनके करीबी से कहा कि वे अभी अस्पताल में हैं। उनके एक पारिवारिक सदस्य का आपरेशन होना है। दो लाख रुपये की तत्काल जरूरत है, उसके बाद ही आपरेशन हो पाएगा। वे बात में उक्त रुपये वापस कर देंगे। उसने तत्काल आरटीजीएस करने को कहा। इसके लिए उसने अपना खाता नंबर भी दे दिया। आईपीएस अधिकारी मुरारी लाल मीणा के करीबी को लगा कि आवाज तो उन्हीं की है, वे जरूर किसी परेशानी में हैं, इसलिए उन्होंने दो लाख रुपये आरटीजीएस कर दिया। इसके बाद उन्हें लगा कि कहीं वे ठगी के तो शिकार नहीं हो गए। इसके बाद उन्होंने मुरारी लाल मीणा के नंबर पर काल किया और पूरी बात बताई। तब मीणा ने कहा कि उन्होंने किसी तरह के रुपयों की मांग तो की नहीं है। यह किसी साइबर अपराधी की करतूत है। इसके बाद ही पुलिस रेस हुई है। मामले की छानबीन जारी है। आप भी बरतें सावधानी इस मामले में डीजी रेल मुरारी लाल मीणा ने बताया कि अनजान नंबर से कोई कॉल आए और किसी करीबी के आवाज में बात करे तो सतर्कता बरतें। साइबर अपराधी आवाज की कापी कर उसके करीबी को कॉल कर अपने झांसे में ले सकते हैं। कॉल करके पहले हाल-चाल पूछते हैं और सामने वाले से ही बातचीत के क्रम में अपना नाम बुलवा लेते हैं। इसके बाद किसी न किसी परेशानी का हवाला देकर अपने खाते में रुपये मंगवा लेते हैं। मीणा ने आम लोगों से अपील की है कि अज्ञात नंबर से कोई भी कॉल आने पर पहले उसका सत्यापन कर लें, उसके बाद ही पैसे का लेन-देन करें
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