डॉक्टरों के साथ की थी बदसलूकी, अब कोरोना से बचाने के लिए रो पड़े जमाती via NavbharatTimes
वहीं, जब इन लोगों की स्थिति बिगड़ने लगी तो कोरोना से संक्रमित तीनों, मेडिकल स्टाफ के सामने बिलख-बिलखकर रोने लगे। इन लोगों ने हेल्थ वर्कर्स के सामने गिड़गिड़ाकर जान बचाने का आग्रह किया।ने इस मामले में हैलट अस्पताल के सीएमओ डॉक्टर अशोक शुक्ला से बात की। अशोक शुक्ला कहते हैं, 'शुरुआत में ये तीनों वक्त पर दवा नहीं खाते थे, डॉक्टरों का सहयोग भी नहीं करते थे। लेकिन अब वे पूरी तरह से डॉक्टर्स, नर्सों की बात मान रहे हैं। बाकी रोना वगैरह यह मनोवैज्ञानिक असर है। जब भी कोई शख्स बहुत ज्यादा डर जाता तो...
2007 में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान के क्षेत्र में एक नया अध्याय तब जुड़ गया जब फिब्रिन ग्लू के इस्तेमाल से आंख की सफल सर्जरी हुई। ग्लू से ही एक व्यक्ति की आंखे के सामने का पूरा भाग ट्रांसप्लांट कर दिया गया। त्रिची के वासन हेल्थकेयर अस्पताल के डॉक्टर शिबू वर्की ने 2012 में पहली बार देश में किसी व्यक्ति की आंख का रंग हमेशा के लिए बदल दिया। उन्होंने सिलिकन इंप्लांट्स के जरिए ऐसा किया।
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