तबले की उत्पत्ति को लेकर विभिन्न कहानियां प्रचलित हैं, जिसमें पखावज टूटने से उत्पत्ति और अमीर खुसरो खान का योगदान प्रमुख हैं। हालांकि, जाकिर हुसैन का मानना था कि तबला का अस्तित्व कई हजार सालों से है, जो संस्कृत ग्रंथों में उल्लेखित है।
Tabla Origin: तबले की उत्पत्ति को लेकर कई कहानियां हैं। इस वाद्य यंत्र की उत्पत्ति को लेकर लोगों के अलग-अलग मत हैं। तबला भारतीय संगीत का अनमोल हिस्सा है। इस वाद्य यंत्र की धुनें हर प्रस्तुति को जीवंत बना देती हैं। महान कलाकारों ने तबला को दुनियाभर में पहचान दिलाई है। तबला वाद्य पर बजने वाले मूलत: 10 वर्ण माने जाते हैं। इनमें छह वर्ण दाहिने तबले पर तथा दो वर्ण बायें तबले या डगे पर स्वतंत्र रूप से बजाए जाते हैं, तो वहीं दो वर्णों को संयुक्त वर्ण माना जाता है। हम आपको अपनी इस खबर में तबले के बारे...
हैं'' एक बार उन्होंने कहा था कि हम तालयोगी हैं, गणेश जी हमारे कुलदेव हैं। उस्ताद जाकिर हुसैन तबले को हमेशा आम लोगों से जोड़ने की कोशिश करते थे। यही वजह थी कि शास्त्रीय विधा में प्रस्तुतियों के दौरान बीच-बीच में वे अपने तबले से कभी डमरू, कभी शंख तो कभी बारिश की बूंदों जैसी अलग-अलग तरह की ध्वनियां निकालकर सुनाते थे। वे कहते थे कि शिवजी के डमरू से कैलाश पर्वत से जो शब्द निकले थे, गणेश जी ने वही शब्द लेकर उन्हें ताल की जुबान में बांधा। हम सब तालवादक, तालयोगी या तालसेवक उन्हीं शब्दों...
तबला संगीत इतिहास उत्पत्ति जाकिर हुसैन
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