तालिबान का उदय और प्रभाव. अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे पर चर्चा. तालिबान का इतिहास, उसके उद्देश्य और कितना प्रभावशाली है.
अफगानिस्तान पर हुए हवाई हमले में करीब चार दर्जन लोगों की मौत हुई है. इसके बाद तालिबान ने पाकिस्तान को खुली चुनौती दी है और इस हमले का बदला लेने की बात कही है. इन सब घटनाओं के बीच एक बार फिर से तालिबान का नाम उभर कर सामने आया है. तालिबान का पाकिस्तान से पहले अमेरिका , नाटो सेना और अफगानिस्तान के पूर्व के शासन के साथ लंबा संघर्ष चला और आखिरकार उसने पूरे अफगानिस्तान पर अपना कब्जा कर लिया.
इन सबके बीच यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि आखिर ये तालिबान है क्या? किन लोगों को तालिबान कहा जाता है और इनका मकसद क्या है? अगर तालिबान के बारे में पूरी जानकारी चाहिए तो हमें कुछ दशक पीछे जाना होगा. जब अफगानिस्तान से सोवियत रूस की सेना वापस जा रही थी. दो महत्वपूर्ण घटनाओं से समझें कैसे मजबूत हुआ तालिबानतालिबान के वजूद में आने और बाद में और अधिक मजबूत होने से दो अलग-अलग वाकया जुड़ा है. 1990 के दशक में जब रूसी सैनिकों की अफगानिस्तान से वापसी हुई तो तालिबान वजूद में आया. वहीं दूसरा वाकया 2021 का है, जब अमेरिकी सेना अफगानिस्तान से वापस बुलाई गई तो तालिबान मजबूत रूप से पूरे अफगानिस्तान पर छा गया और अब वहां उसका शासन है. ऐसे पाकिस्तानी मदरसों से निकला तालिबानअफगानिस्तान से रूसी सैनिकों की वापसी के बाद 1990 के दशक की शुरुआत में उत्तरी पाकिस्तान के मदरसों में तालिबान का जन्म हुआ था. पश्तो भाषा में तालिबान का मतलब होता है छात्र. वैसे छात्र जो कट्टर इस्लामी धार्मिक शिक्षा का अनुसरण करते हों. एक पश्तो आंदोलन के रूप में पाकिस्तान के धार्मिक मदरसों से तालिबान वजूद में आया.Advertisementपाकिस्तान और अफगानिस्तान का पश्तून इलाका था मुख्य ठिकानाकहा जाता है कि कट्टर सुन्नी इस्लामी विद्वानों ने धार्मिक संस्थाओं के सहयोग से पाकिस्तान में इनकी बुनियाद खड़ी की थी. वहीं तालिबान को खड़ा करने में सऊदी अरब ने काफी आर्थिक सहयोग किया था. शुरुआती दौर में तालिबान ने अफगानिस्तान और पाकिस्तान के पश्तून इलाके में कट्टरपंथी धार्मिक कानून के साथ इस्लामिक शासन लागू करने को लेकर आंदोलन छेड़ा. विदेशी शासन खत्म करने ऐलान के साथ फैला तालिबान का प्रभाव शुरुआती तौर पर तालिबान ने ऐलान किया कि इस्लामी इलाकों से विदेशी शासन खत्म करना, वहां शरिया कानून और इस्लामी राज्य स्थापित करना उनका मकसद है
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