साइबर अपराधियों ने सेक्टर-46 निवासी एक व्यक्ति को पार्सल पकड़े जाने की सूचना देकर जांच के नाम पर डिजिटल अरेस्ट किया। इसके बाद जांच में मानव तस्करी केस में फंसाने का डर दिखाकर 8
पीड़ित को करीब 3 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया। शिकायत पर पुलिस ने सेक्टर-36 साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह केस सेक्टर-46 निवासी सुरेंद्र पाल वशिष्ठ का है। सुरेंद्र ने बताया कि 19 अक्तूबर को एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को कस्टम अधिकारी और अपना नाम मोहिंदर कुमार बताया। सूचना दी कि तुम्हारी आईडी का उपयोग कर मलेशिया भेजा जा रहा पार्सल मुंबई पुलिस ने पकड़ा है। पार्सल में ड्रग्स के साथ में नशीले पदार्थ हैं। उन्होंने इससे इन्कार किया। इस पर डराकर मामले की जांच पुलिस...
ने निगरानी में ले लिया। पुलिसकर्मी बनकर बताया कि तुम्हारे नाम से एक बैंक खाता खुला हुआ है। खाते में मानव तस्करी के करोड़ों रुपये जमा हैं। फिर आधार कार्ड नंबर मांग बैंक खाते की जानकारी मांग ली गई। जांच के नाम पर ठगों ने तमाम प्रश्न पूछे। पीड़ित ने बताया कि उसने ऐसा कुछ नहीं किया। इसके बाद जांच फर्जी अंधेरी न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में चलने लगी। ठगों ने पीड़ित को एक नोटिस भेजा। इसमें आठ लाख रुपये जमा करने का उल्लेख था। दबाव में आने पर उन्होंने आरटीजीएस से रुपये साइबर ठगों के खाते में ट्रांसफर कर...
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