त्योहारों में आती हैं इस कारोबार में तेजी, पूजा से लेकर प्रतिमाओं तक की बढ़ जाती है डिमांड

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त्योहारों में आती हैं इस कारोबार में तेजी, पूजा से लेकर प्रतिमाओं तक की बढ़ जाती है डिमांड
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कारीगर शिशिर मिश्रा बताते हैं कि उन्हें प्रतिमाओं के ऑर्डर पर्वों के समय पहले ही मिलने लगते हैं. वह प्रतिमाओं को उनके वजन के अनुसार तैयार करते हैं, और प्रति किलो पीतल का दाम लगभग 1,000 रुपए होता है.

फर्रुखाबाद: नक्काशी और कारीगरी के लिए प्रसिद्ध फर्रुखाबाद की धरा पर पीतल का कारोबार कारीगरों के लिए समृद्धि का स्रोत बन रहा है. यहां के कारीगर अपनी पारंपरिक कला के माध्यम से प्रगति कर रहे हैं. देशभर में विभिन्न पर्वों के मौके पर इन कारीगरों की बनाई गई प्रतिमाओं और अन्य सामानों की मांग बढ़ जाती है, और यह समय उनके लिए विशेष रूप से व्यस्त होता है. फर्रुखाबाद के कारीगरों ने विभिन्न धार्मिक स्वरूपों की पीतल प्रतिमाएं तैयार की हैं.

ऑर्डर पर बनने वाली प्रतिमाएं सबसे छोटी प्रतिमा की कीमत 150 रुपए से शुरू होती है, जबकि बड़ी प्रतिमाएं 4,000 से 5,000 रुपए तक की होती हैं. ये प्रतिमाएं विभिन्न अवसरों पर श्रद्धालुओं के बीच बेहद लोकप्रिय होती हैं. पीतल से बनने वाले अन्य सामान फर्रुखाबाद के कारीगर न केवल प्रतिमाएं बल्कि पूजा के लिए उपयोगी अन्य वस्त्र जैसे घंटियां, ज्योति, सिंहासन, बर्तन, पराते, जल पात्र, कड़ा, संदूक, और त्रिशूल भी तैयार करते हैं. ये वस्तुएं पीतल को उच्च तापमान पर पिघलाकर सांचों में ढालकर बनाई जाती हैं.

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