दक्षिण अफ्रीका में बंद हुई एक सोने की खदान से बचाव अभियान को पुलिस ने बुधवार को अचानक बंद कर दिया। पुलिस का दावा है कि सभी जीवित खनिकों को निकाल लिया गया है और मृतक शव भी बरामद कर लिए गए हैं। नागरिक समूह आक्रोशित हैं, क्योंकि खदान में अभी भी सैकड़ों खनिकों के फंसे होने की आशंका है।
दक्षिण अफ्रीका में बंद हुई एक सोने की खदान से बचाव अभियान को पुलिस ने बुधवार को अचानक बंद कर दिया। पुलिस का दावा है कि सभी जीवित बचावकर्ताओं को निकाल लिया गया है और मृतक शव भी बरामद कर लिए गए हैं। पुलिस की घोषणा के बाद से नागरिक समूह आक्रोशित हैं, क्योंकि खदान में अभी भी सैकड़ों खनिकों के फंसे होने की आशंका है। पुलिस ने यह घोषणा ऐसे समय में की है, जब पुलिस मंत्री ने कहा था कि बचाव अभियान अगले 10 दिनों तक जारी रहेगा।पुलिस की घोषणा ने सभी को आश्चर्य में डाल दिया है। हालांकि, पुलिस का कहना है कि
सोमवार से शुरू हुए बचाव अभियान के दौरान 78 शव और 240 से अधिक जीवित खनिकों को खदान से निकाल लिया गया है। पुलिस ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान बचाव अभियान बंद करने की घोषणा की, लेकिन यह भी कहा है कि बचाव दल बृहस्पतिवार को अंतिम बार खदान में जाएगा और यह सुनिश्चित करेगा कि कोई जीवित व्यक्ति या शव सुरंग में बचा नहीं है। खदान में अभी भी सैकड़ों खनिक फंसे होने का अंदेशा है। नागरिक समूहों का दावा है कि अधिकारियों ने रस्सियों और चरखी प्रणालियों को भी हटा दिया है, जिनका उपयोग खनिक शाफ्ट में प्रवेश करने और आपूर्ति भेजने के लिए करते थे। समूहों का आरोप है कि सरकार ने बचाव अभियान चलाने से हफ्तों तक इनकार किया, जिसके चलते खनिक भूख और प्यास से तड़प-तड़प कर मर गए। समूहों का कहना है कि कोर्ट के आदेश के बाद बचाव अभियान चलाया गया, लेकिन एक बार में केवल कुछ खनिकों को ही बाहर निकाला जा सकता है। इस अभियान में 10 दिन लग सकते हैं। दक्षिण अफ्रीकी पुलिस ने तर्क दिया है कि खनिक बफेल्सफोंटेन गोल्ड माइन में एक अन्य शाफ्ट के माध्यम से बाहर निकलने में सक्षम हैं, लेकिन कार्यकर्ताओं का कहना है कि इसके लिए भूमिगत होकर खतरनाक रास्ता अपनाना होगा। उनका कहना है कि कई लोग भोजन और पानी न मिलने के कारण बहुत कमजोर और बीमार हो गए हैं। खनिकों का प्रतिनिधित्व करने वाले नागरिक समूहों ने कहा कि कम से कम 100 लोग मारे गए हैं। हालांकि, पुलिस का कहना है कि कुछ खनिकों ने बाहर आने से इनकार कर दिया है। दक्षिण अफ्रीका की दूसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी ने स्वतंत्र जांच की मांग की है
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