दिल्ली में बीजेपी के तीन चुनावों के प्रयोगों का विश्लेषण, हर्षवर्धन, किरण बेदी और मनोज तिवारी जैसे नेताओं की भूमिका पर प्रकाश डाला गया है. बीजेपी की दिल्ली में स्थानीय नेतृत्व की कमी और आक्रामक रणनीति की कमी पर चर्चा की गई है.
दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी बीते तीन चुनाव ों में हर तरह के प्रयोग कर चुकी है. 2013 में अपने नेता डॉ. हर्षवर्धन के नेतृत्व में चुनाव लड़कर. 2015 में जानी मानी आईपीएस अफसर किरण बेदी को पैराशूट एंट्री देते हुए मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाकर - और 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव मैदान में उतरकर. देखा जाये तो बीजेपी सबसे ज्यादा सफल तभी हुई थी, जब हर्षवर्धन के नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया था. तब बीजेपी ने दिल्ली में सबसे ज्यादा 31 विधानसभा सीटें जीती थी.
लेकिन, 2015 में सिर्फ तीन और 2020 में कुल जमा 8 सीटें - 2025 को लेकर क्या प्लान है, अब तक कोई ठोस स्वरूप सामने नहीं आया है. देश के अन्य राज्यों में चुनावों के दौरान आक्रामक हो जाने वाली बीजेपी दिल्ली में एक्टिव तो है, लेकिन काफी हद तक कन्फ्यूज लगती है. और, ये सब ऐसे वक्त देखने को मिल रहा है जब अरविंद केजरीवाल अपने राजनीतिक कॅरियर के सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं - और सत्ता विरोधी लहर भी फेस कर रहे हैं. 1. केजरीवाल का चैलेंजर कौन? 2020 के दिल्ली विधानसभा के चुनाव नतीजे आने के फौरन बाद ही, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखपत्र में दिल्ली बीजेपी को खास सलाहियत मिली थी. कहा गया था, बीजेपी को दिल्ली में स्थानीय नेतृत्व खड़ा करने पर फोकस करना चाहिये. और लगे हाथ सवाल भी पूछा गया - आखिर बीजेपी दिल्ली में कब तक मोदी-शाह के भरोसे बैठी रहेगी? क्योंकि, मोदी-शाह हर चुनाव नहीं जिता सकते. Advertisement 2013 में बीजेपी को बेहतरीन नेतृत्व देने वाले हर्षवर्थन को दिल्ली की राजनीति से हटाकर केंद्र में लाया गया, और फिर हाशिये पर भेज दिया गया. 2020 के लिए भोजपुरी स्टार मनोज तिवारी को आगे किया गया, लेकिन चुनावों के दौरान लोग यही नहीं समझ पा रहे थे कि मोर्चे पर आगे प्रवेश वर्मा हैं, या मनोज तिवारी? क्योंकि अरविंद केजरीवाल को अमित शाह बार बार प्रवेश वर्मा से बहस करने के लिए चैलेंज कर रहे थे. पिछले चुनाव के बाद मनोज तिवारी को हटाकर वीरेंद्र सचदेवा को आगे किया गया है, लेकिन वो भी खुलकर नही
बीजेपी दिल्ली चुनाव केजरीवाल मोदी शाह नेतृत्व रणनीति
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
दिल्ली चुनाव से पहले रोहिंग्या पर राजनीति गरमाई, AAP ने बीजेपी से पूछे तीखे सवालदिल्ली में चुनाव से पहले रोहिंग्या का मुद्दा गरमाने लगा है। भाजपा और आम आदमी पार्टी एक-दूसरे को इसे लेकर आरोप -प्रत्यारोप लगा रही है। इसी क्रम में आप नेताओं ने रविवार को भाजपा पर हमला बोलते हुए तीखे सवाल पूछे हैं। मनीष सिसोदिया मुख्यमंत्री आतिशी राज्यसभा संजय सिंह समेत कई नेताओं ने केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी के एक ट्वीट को लेकर हमला बोला...
और पढो »
संसदीय समिति ने BSNL से किये तीखे सवालसंसदीय समिति ने सरकारी टेलिकॉम कंपनी BSNL से 4G, 5G अपग्रेड में पिछड़ने और सरकार पर निर्भरता के कारणों पर सवाल पूछे हैं।
और पढो »
मोदी दिल्ली में जाम व प्रदूषण से मुक्ति के लिए चार प्रोजेक्ट्स का करेंगे शिलान्यासप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली में 3 जनवरी को दिल्ली मेट्रो के फेज-4 के तहत रिठाला-नरेला-कुंडली लाइन का शिलान्यास करेंगे और दिल्ली-सहारनपुर नेशनल हाईवे का शुभारंभ करेंगे। साथ ही दिल्ली को जाम व प्रदूषण मुक्त करने के लिए चार मुख्य प्रोजेक्टों से अवगत कराएंगे।
और पढो »
PM मोदी देंगे बड़ी सौगात, 3 जनवरी को कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटनप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे।
और पढो »
शर्मिष्ठा मुखर्जी का कांग्रेस पर हमला: पीएम मोदी से मनमोहन सिंह स्मारक की मांग पर सवालशर्मिष्ठा मुखर्जी कांग्रेस पर आरोप लगा रही हैं कि जब उनके पिता प्रणब मुखर्जी का निधन हुआ था, तो कांग्रेस ने शोक सभा बुलाने की जहमत नहीं उठाई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पूर्व राष्ट्रपति के.आर. नारायणन के निधन पर शोक सभा बुलाई थी, लेकिन उनके पिता के लिए नहीं।
और पढो »
वक्फ जमीनों पर पुलिस चौकी का निर्माण: ओवैसी का मोदी से सवालएआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री मोदी से सवाल किया है कि क्या वह कुवैती नेताओं को संभल में मस्जिद के पास वक्फ की जमीन पर बनाई जा रही पुलिस चौकी दिखा सकते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार इस चौकी का निर्माण मिली बावड़ी के रास्ते को बंद करने के लिए कर रही है।
और पढो »