दिल्ली विधानसभा चुनावों की तापमान पहले ही बढ़ने लगी है।
उमेश चतुर्वेदी। दिल्ली विधानसभा के लिए चुनावों का औपचारिक एलान होना भले ही शेष हो, लेकिन सर्दियों के मौसम में चढ़े सियासी पारे से चुनावी तपिश की अनुभूति होने लगी है। सत्तापक्ष की ओर से खुद अरविंद केजरीवाल ने कमान संभाल रखी है, जबकि विपक्षी भाजपा 27 साल से जारी सत्ता के सूखे को खत्म करके उम्मीदों की हरियाली लाने के लिए प्राणपण से जुटी हुई है। कांग्रेस भी राज्य में अपने अस्तित्व को साबित करने की कोशिश कर रही है। सबसे ज्यादा ध्यान अरविंद केजरीवाल की रणनीति पर है। आदर्शवादी सपने को हकीकत बनाने के
वादे के साथ राजनीति में आए केजरीवाल दिल्ली की राजनीति में अब तक अजेय बने हुए हैं। इसके साथ ही पंजाब की सत्ता पर भी उनकी पार्टी काबिज है। जम्मू-कश्मीर से लेकर गोवा विधानसभा तक उनकी नुमाइंदगी तो है ही, प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के गढ़ गुजरात में भी उनकी उपस्थिति है। इसीलिए दिल्ली की राजनीति में उनकी स्थिति पर सभी की नजर है। दिल्ली विधानसभा का 2013 का चुनाव आदर्शवादी सपनों को चुनने या नकारने का था। उसमें केजरीवाल को बहुमत भले ही नहीं मिला हो, लेकिन दिल्ली की जनता ने आप को दूसरे नंबर की पार्टी का दर्जा देकर संदेश दे दिया कि केजरीवाल में उसका भरोसा है। 2015 का चुनाव सही मायने में आदर्शवादी सपनों को हकीकत का जामा पहनाने का चुनाव था। दिल्ली की 70 में से 67 सीटों पर आम आदमी पार्टी की भारी जीत ने केजरीवाल के सामने जनाकांक्षाओं का बोझ लाद दिया। 2020 के विधानसभा चुनाव पर भी आदर्शवाद को हकीकत बनाने की ही मंशा हावी रही। इस चुनाव में केजरीवाल जनता को यह समझाने में सफल रहे कि उन्होंने राजनीति को साफ करने और स्वच्छ प्रशासन देने का जो सपना दिखाया है, उसे पूरा करने के लिए और वक्त चाहिए। दिल्ली की जनता ने उन्हें एक बार फिर पांच साल का वक्त दिया। आदर्शवादी धारणा को जमीनी हकीकत बनाने में केजरीवाल कितने कामयाब हुए, इसका जवाब दिल्ली के मतदाताओं के पास है, लेकिन केजरीवाल ने अपने शासनकाल में रेवड़ी संस्कृति को नए रूप में पेश किया। अपने वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए उन्होंने फ्री बिजली, पानी, महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा की सुविधा देने में कंजूसी नहीं बरती। इसके साथ ही केजरीवाल सरकार ने कभी ट्रैफिक कंट्रोल तो कभी किसी अन्य बहाने से तात्कालिक और अल्पकालिक रोजगार के मौके मुहैया कराए। इसमें ज्यादात
दिल्ली विधानसभा चुनाव अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी भाजपा कांग्रेस रेवड़ी संस्कृति
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
दिल्‍ली विधानसभा चुनाव: AAP की फाइनल लिस्‍ट जारी, नई दिल्‍ली से चुनाव लड़ेंगे केजरीवाल, देखें पूरी लिस्टदिल्ली विधानसभा चुनाव: AAP की फाइनल लिस्ट जारी, नई दिल्ली से चुनाव लड़ेंगे केजरीवाल
और पढो »
Jharkhand Polls result : झारखंड विधानसभा चुनाव में हेंमत और कल्पना सोरेन आगे, बाबूलाल मरांडी को भी बढ़त; यहां जानिए परिणामझारखंड विधानसभा चुनाव में डाले गए वोटों की गिनती आज हो रही है. कई दिग्गज उम्मीदवारों की सीटों पर पूरे देश की नजर है.
और पढो »
पूरी दिल्ली में बढ़े वोटर, पर 17 विधानसभा क्षेत्रों में घटी संख्या, ऐसा क्यों हो रहा है?दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची तैयार की जा रही है। 2020 के विधानसभा चुनाव की तुलना में मतदाताओं की संख्या में 4.
और पढो »
केजरीवाल की 'संजीवनी' योजना: दिल्ली में 60+ के लिए मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएंदिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा चुनाव में जीतने पर 60 वर्ष से अधिक उम्र के सभी दिल्लीवासियों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने का वादा किया है।
और पढो »
Maharashtra Assembly Election 2024 Voting Live: महाराष्ट्र की 288 सीटों पर वोटिंग, कई दिग्गजों ने डाला वोटमहाराष्ट्र विधानसभा की सभी 288 सीटों पर मतदान जारी है। महायुति और महाविकास अघाड़ी के बीच महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला है। चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
और पढो »
राज्यसभा में संजय सिंह की टिप्पणी पर हंगामाआप सांसद संजय सिंह की दिल्ली की मतदाता सूची और भाजपा के चुनाव रणनीति पर टिप्पणी को लेकर राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ।
और पढो »