दिल्ली पुलिस ने पूर्व पार्षद और एआईएमआईएम के नेता ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत याचिका का दिल्ली हाई कोर्ट में मजबूती से विरोध किया है। ताहिर हुसैन दिल्ली दंगों में कथित रूप से शामिल होने के आरोप में जेल में हैं।
दिल्ली पुलिस ने पूर्व पार्षद और एआईएमआईएम के नेता ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत याचिका का दिल्ली हाई कोर्ट में मजबूती से विरोध किया। ताहिर हुसैन दिल्ली दंगों में कथित रूप से शामिल होने के आरोप में जेल में हैं। दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि ताहिर हुसैन दिल्ली दंगों का मुख्य मास्टरमाइंड और साजिशकर्ता थे और उनकी रिहाई से जांच प्रभावित होगी। पुलिस ने कहा कि चुनाव लड़ना एक मौलिक अधिकार नहीं है और नामांकन दाखिल करने और बैंक खाते खोलने के लिए ताहिर को कस्टडी पैरोल दी जा सकती है। चार सप्ताह के लिए जमानत
पर उन्हें चुनाव प्रचार के लिए नहीं दिया जाना चाहिए। पुलिस ने कहा कि संगीन अपराधों में नामित अभियुक्तों को चुनाव प्रचार के लिए जमानत नहीं दी जानी चाहिए। पुलिस ने यह भी कहा कि ताहिर हुसैन एक खतरा हैं और उनकी रिहाई से समाज में ध्रुवीकरण होगा। एआईएमआईएम ने ताहिर हुसैन को मुस्तफाबाद से टिकट दिया है। ताहिर हुसैन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रेबेका जॉन ने अंतरिम जमानत की मांग की है जिसके जरिये वह नामांकन कर सकें और चुनाव अभियान चला सकें। उन्होंने कहा कि ताहिर पांच साल से अधिक समय से हिरासत में हैं और उन पर अभी तक दोषी नहीं ठहराया गया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मामले का हवाला दिया जहां अंतरिम जमानत पर सुप्रीम कोर्ट ने स्थिति स्पष्ट की है। रेबेका ने कहा कि ताहिर को मनी लांड्रिंग मामले में पहले ही आधी से अधिक अवधि काट चुके हैं और उन्हें बैंक खाता खोलने के लिए कस्टडी पैरोल स्वीकार है। उन्होंने कहा कि ताहिर को चुनाव प्रचार करने की अनुमति भी दी जानी चाहिए। दिल्ली दंगों के दौरान आइबी कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या के मामले से जुड़ी अंतरिम जमानत याचिका भी हाई कोर्ट के समक्ष लंबित है।हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया और कहा कि अदालत निर्णय अपने चेंबर में सुनाएगी
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