NCR में बड़े भूकंप का खतरा: IIT प्रफेसर earthquake earthquakeinDelhi
IIT धनबाद में सीस्मोलॉजी डिपार्टमेंट के हेड पी.के. खान कहते हैं, "कम तीव्रता के झटके बार-बार लगना एक बड़े भूकंप का संकेत है।" उन्होंने कहा कि पिछले दो साल में दिल्ली-एनसीआर ने रिक्टर स्केल पर 4 से 4.
किसी भी बड़े भूकंप का 300-400 किलोमीटर की रेंज तक दिखता है। 2001 में भुज में आए भूकंप ने करीब 300 किमी दूर अहमदाबाद में भी बड़े पैमाने पर तबाई मचाई थी। इसके अलावा, भूकंप की कम तीव्रता की तरंगें दूर तक असर कर बिल्डिंगों में कंपन पैदा कर देती हैं। गंगा के मैदानी क्षेत्रों की मुलायम मिट्टी इस कंपन के चलते धसक जाती है।
ऐटलस को तैयार करने के दौरान टीम ने उत्तराखंड के रामनगर में जमीन में गहरे गड्ढे खोदकर रिसर्च शुरू किया। जिम कॉर्बेट नैशनल पार्क से 5-6 किमी की रेंज में हुए इस अध्ययन में 1505 और 1803 में आए भूकंप के सबूत मिले। रामनगर जिस फॉल्ट लाइन पर बसा है, उसे कालाडुंगी फॉल्टलाइन नाम दिया गया है। प्रफेसर जावेद के अनुसार, 1803 का भूकंप छोटा था, लेकिन मुगलकाल के दौरान 1505 में आए भूकंप के बारे में कुछ तय नहीं हो सका है। जमीन की परतों की मदद से इसे निकटतम सीमा तक साबित करना बाकी...
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