दिल्ली चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस और AAP के बीच तनातनी बढ़ गई है. दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर हमले कर रही हैं.
नई दिल्ली: दिल्ली चुनाव से पहले तक कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के रिश्ते दोस्ताना थे. अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी दोनों साथ-साथ मंच साझा करते थे. विपक्ष ी एकता की आवाज बुलंद करते थे. मगर अब दिल्ली चुनाव में चीजें बदल गई हैं. दोस्ती दुश्मनी में बदल गई है. दिल्ली चुनाव आते ही कांग्रेस और अरविंद केजरीवाल की आप एक-दूसरे पर हमलावर है. आम आदमी पार्टी अब कांग्रेस से नफरत करने लगी है. यह तब है जब कांग्रेस और आम आदमी पाार्टी इंडिया गठबंधन के सहयोगी दल हैं.
हरियाणा चुनाव में गठबंधन न होने के बावजूद दोनों को एक-दूसरे पर इस कदर हमलावर नहीं देखा गया मगर अब दिल्ली चुनाव में समीकरण बदल चुके हैं. दोनों एक-दूसरे को फूटे आंख भी नहीं सुहा रहे हैं. हमला करने का एक मौका तक नहीं छोड़ते. अब सवाल है कि आखिर अन्य राज्यों की दोस्ती दिल्ली में अचानक दुश्मनी में क्यों बदल गई? दरअसल, दिल्ली में कड़ाके की ठंड के बीच सियासत गर्म है. दिल्ली की सियासत बीते कुछ साल से भाजपा बनाम आम आदमी पार्टी होती रही है. मगर अब सियासी फ्रेम में कांग्रेस भी आ चुकी है. दिल्ली का चुनाव इस बार त्रिकोणीय लग रहा है. अब कांग्रेस भी पूरी तरह एक्टिव हो चुकी है. कांग्रेस जहां अपना 10 साल का सूखा खत्म करना चाह रही है, वहीं भाजपा 26 साल का वनवास खत्म करने की फिराक में है. आम आदमी पार्टी इस बार भी जीत की उम्मीद लगाए बैठी है. अब जब कांग्रेस भी भाजपा की तरह आम आदमी पार्टी पर हमलावर है, ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कांग्रेस के एक्टिव होने से किसे फायदा होगा और किसे नुकसान. अगर इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हाथ मजबूत होते हैं तो अरविंद केजरीवाल को फायदा होगा या नुकसान? क्यों कांग्रेस से आप की दुश्मनी? इसे समझने के लिए बीते विधानसभा चुनावों के नतीजों पर गौर करना होगा. 2011 में अन्ना हजारे आंदोलन से जन्मी आम आदमी पार्टी ने पहली बार दिल्ली का चुनाव 2013 में लड़ा था. तब तक कांग्रेस की सरकार थी. 2013 का यही विधानसभा चुनाव था, जिसमें कांग्रेस का गेम फिनिश हो गया था. आम आदमी पार्टी बादशाह के रूप में उभरकर आई थी. हालांकि, 2013 के चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर भाजपा ही उभरी थी. 2013 के चुनाव में भाजपा को 31 सीटें मिली थीं, जबकि आम आदमी पार्टी 28 सीट जीतने में कामयाब रही थी. कांग्रेस 8 सीटों पर सिमट गई थी
कांग्रेस AAP दिल्ली चुनाव राजनीति विपक्ष त्रिकोणीय संघर्ष
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