ग्रीस में हफ्ते में छह दिन काम करने का मॉडल अपनाया जा रहा है, जबकि अन्य देशों में काम के घंटे कम करने पर प्रयोग किए जा रहे हैं. आखिर कौन सा मॉडल ज्यादा कारगर है?
कई देशों में फाइव-डे वीक, यानी हफ्ते में पांच दिन काम करना आम हो चुका है. ग्रीस में कामकाज से जुड़े कई क्षेत्रों में यह व्यवस्था खत्म हो सकती है. यह देखना दिलचस्प होगा कि कामगारों की कमी का सामना कर रहे अन्य देशों के लिए यह एक बेहतर रोल मॉडल साबित होगा कि नहीं.ज्यादातर लोगों के लिए श्रम कानून उबाऊ विषय हो सकता है. हालांकि, जब कोई एक अतिरिक्त दिन काम करने के लिए कहे, तो अचानक से सभी लोग ध्यान देने लगते हैं.के देश ग्रीस में 1 जुलाई से नए नियम लागू होने जा रहे हैं.
ग्रीक सरकार का कहना है कि ये नए नियम प्रशासनिक काम को आसान बना देंगे, प्रोबेशन पीरियड घटकर छह महीने का हो जाएगा और लोग ज्यादा काम करने पर ध्यान देंगे. सावोआदाकिस का कहना है कि इस नए कानून से कुशल कर्मचारियों की कमी को भी पूरा करने में मदद मिलेगी. दरअसल, नए कानून के लागू होने से अब कंपनियां आधिकारिक तौर पर लोगों से ज्यादा काम करा सकेंगी. पहले भी कंपनियां लोगों से ज्यादा काम कराती थीं, लेकिन उन्हें रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किया जाता था.
इस संकट से उबारने के लिए यूरोजोन के देशों ने अरबों यूरो का बेलआउट पैकेज दिया था, लेकिन साथ ही खर्च को कम करने से जुड़ी शर्तें भी लगा दी थीं. हालांकि, उस समय भी हफ्ते में छह दिन काम करने के मॉडल को लागू नहीं किया गया था. फिलहाल, ग्रीस के हालात सुधर गए हैं. मई में जारी यूरोपीय आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल देश की जीडीपी में 2.2 फीसदी की वृद्धि का अनुमान है. अगले साल यह बढ़कर 2.3 फीसदी तक पहुंच सकता है, जो यूरोजोन के औसत से अधिक है.इस साल बेरोजगारी दर भी घटकर 10.3 फीसदी तक पहुंच सकती है.
बर्लिन स्थित जर्मन इंस्टिट्यूट फॉर इंटरनेशनल एंड सिक्योरिटी अफेयर्स के जेन्स बास्टियान कहते हैं कि वेतन में हुई यह वृद्धि पिछली कटौतियों और लगातार बढ़ती महंगाई की भरपाई नहीं करती है. बढ़ती महंगाई ने कई नागरिकों को ज्यादा काम करने के लिए मजबूर कर दिया है. वे अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए दो-दो नौकरियां कर रहे हैं.
नए नियम के तहत, नौकरी देने वालों को काफी अधिकार दिए गए हैं. ऐसे में अहम सवाल यह है कि क्या नौकरी की तलाश करने वाले लोग इस पेशकश से इनकार कर सकते हैं और हफ्ते में पांच दिन ही काम करने की मांग कर सकते हैं? इस मुद्दे पर बास्टियान ने कहा,"इस दौरान नियोक्ता और कर्मचारी के बीच बातचीत हो सकती है, जहां नियोक्ता ज्यादा काम करने की मांग कर सकता है और कर्मचारी इससे इनकार कर सकता है."
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