देश की जेलों में बंद क़ैदियों में से 75 फीसदी विचाराधीन, एक दशक में सर्वाधिक: रिपोर्ट UndertrialPrisoners NCRB India IndiaJusticeReport विचाराधीनकैदी एनसीआरबी भारत इंडियाजस्टिसरिपोर्ट
साल 2020 में जेल में बंद विचाराधीन कैदियों की संख्या तेजी से बढ़ी है. हालांकि, दोषसिद्धि की संख्या में कमी आई है, जिस वजह से जेल में बंद कुल कैदियों में विचाराधीन कैदियों की संख्या तीन-चौथाई से अधिक है, जो बीते एक दशक में सबसे अधिक है.की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा जारी किए गए आंकड़ों और इंडिया जस्टिस रिपोर्ट द्वारा उसके विश्लेषण के बाद ये तथ्य सामने आए हैं.
विचाराधीन कैदियों की संख्या में सबसे अधिक इजाफा पंजाब में हुआ है, जहां 2019 के 66 फीसदी की तुलना में 2020 में विचाराधीन कैदियों की संख्या 85 फीसदी बढ़ी है. इसके बाद हरियाणा में 2019 के 64 फीसदी की तुलना में 2020 में 82 फीसदी बढ़ी है और मध्य प्रदेश में यह संख्या 54 फीसदी से बढ़कर 70 फीसदी हो गई है.मध्य प्रदेश को छोड़कर बाकी अन्य तीन राज्यों में कैदियों की रिहाई की वजह से जेल में कैदियों की कुल संख्या घटी है और इस तरह विचाराधीन कैदियों का अनुपात बढ़ा है.
उदाहरण के लिए, बिहार में 2020 में कैदियों की संख्या 12,120 बढ़ी है, जिनमें से अधिकतर विचाराधीन है. यही मामला उत्तर प्रदेश, झारखंड, ओडिशा और जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख का है.
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