वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि सूरज से आए इस भू-चुंबकीय तूफान के चलते सैटेलाइट और पृथ्वी पर पावर ग्रिड प्रभावित हो सकते हैं। इसके चलते कम्युनिकेशन बाधित होने के साथ ही कई इलाके अंधेरे में डूब सकते हैं। एनओएए ने चुंबकीय तूफान को जी5 श्रेणी का बताया है, जो सबसे चरम स्तर...
वाशिंगटन: दो दशक का सबसे शक्तिशाली सौर तूफान शुक्रवार को पृथ्वी से टकराया है। इसके चलते अमेरिका से ब्रिटेन तक आसमान में चमकीला नजारा दिखा है। अमेरिका के राष्ट्रीय समुद्रीय और वायुमंडलीय प्रशासन ने इस मैग्नेटिक तूफान को जी5 श्रेणी का बताया है। भू-चुंबकीय तूफान को जी1 से जी5 के पैमाने पर मापा जाता है, जिसमें G5 को तूफान का सबसे चरम स्तर माना जाता है। एनओएए ने चेतावनी दी है कि सूरज से आए इस भू-चुंबकीय तूफान के चलते सैटेलाइट और पृथ्वी पर पावर ग्रिड प्रभावित हो सकते हैं। इसके चलते कम्युनिकेशन बाधित...
54 मिनट पर अपने चरम पर थी। एनओएए के मौसम पूर्वानुमान केंद्र के अनुसार, सूर्य की आग में वृद्धि के चलते कोरोना से प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्रों के कई उत्सर्जन हुए हैं। इसके पहले अक्टूबर 2003 में एक बड़ा सौर तूफान आया था, तब स्वीडन में ब्लैक आउट हो गया था और दक्षिण अफ्रीका में बिजली के बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा था। वैज्ञानिकों ने आने वाले दिनों में और अधिक कोरोनल मास इजेक्शन के पृथ्वी पर हमला करने की उम्मीद जताई है।सूरज में पृथ्वी के बराबर सनस्पॉटसीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, हर 11 साल में...
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