नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) के बाद असम (Assam) और मेघालय (Meghalaya) में हो रहे विरोध प्रदर्शन के बाद यहां के उम्मीदवारों की राष्ट्रीय अहर्ता परीक्षा/नेट (NET) स्थगित कर दी. | nation News in Hindi - हिंदी न्यूज़, समाचार, लेटेस्ट-ब्रेकिंग न्यूज़ इन हिंदी
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग/यूजीसी ने पूर्वोत्तर में अशांति के चलते शनिवार को असम और मेघालय के उम्मीदवारों की राष्ट्रीय अहर्ता परीक्षा/नेट स्थगित कर दी. परीक्षा आयोजित करने वाली राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी ने घोषणा की कि अन्य राज्यों में रविवार को तय कार्यक्रम के अनुसार परीक्षा आयोजित की जाएगी.असम की दो प्रमुख नागरिक संस्थाओं ने शनिवार को घोषणा की कि वे नागरिकता कानून के खिलाफ अलग से उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करने और इसपर रोक लगाने की मांग करेंगे.
एफएसीएएबी के अध्यक्ष एवं प्रख्यात सहित्यकार और शिक्षाविद् हिरेन गोहेन ने कहा, ‘हमारे वकील कानून का अध्ययन कर रहे हैं और आने वाले दिनों में पुख्ता तैयारी के साथ याचिका दायर करेंगे.’हिंसक प्रदर्शन के बारे में एफएसीएएबी के समन्वयक और वरिष्ठ पत्रकार मंजीत महंत ने दावा किया, ‘हमें आशंका है कि इसके पीछे सरकार है. वे अचानक हुए जन विरोध को बदनाम करने और पटरी से उतारने की कोशिश कर रहे हैं. इसे सांप्रदायिक रंग देने की भी कोशिश की जा रही है.
मीडिया से अलग संवाद में एएनएस महासचिव परेश मलाकर ने कहा, ‘संगठन कानून के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगा। कानूनी लड़ाई के साथ-साथ लोकतांत्रिक प्रदर्शन भी जारी रहेंगे और लोगों को असम विरोधी भाजपा को अगला मौका मिलने पर सत्ता से बेदखल करने के लिए तैयार रहना चाहिए.’ असम में वर्ष 2021 में विधानसभा चुनाव होने हैं. दोनों संगठनों ने कृषक मुक्ति संग्राम समिति के सलाहकार अखिल गोगोई और अन्य की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए उनकी तुरंत रिहाई की मांग की.
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