पांच साल की बच्ची की मौत के बाद दिल्ली जल बोर्ड और पीडब्ल्यूडी को एनजीटी से नोटिस जारी किया गया है।
नई दिल्ली: बीते साल अगस्त में जिस बरसाती नाले में गिरने से पांच साल की एक बच्ची की मौत हो गई थी, वह नाला पीडब्ल्यूडी का है और उसने इसे पक्का करने का काम 2021 में ठेकेदार को सौंपा था। पर 7.
5 किमी में फैले इस नाले के लगभग ढाई किमी हिस्से का काम अभी भी अधूरा है। दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमिटी (DPCC) ने एनजीटी को बताया कि उसने पीडब्ल्यूडी को लेटर जारी कर काम में देरी की वजह पता करने और जरूरी कार्रवाई की रिपोर्ट देने के लिए कहा है। डीपीसीसी ने यह स्टेटस रिपोर्ट एनजीटी के 13 सितंबर, 2024 के आदेश के अनुपालन में दायर की है। ट्रिब्यूनल ने बीते साल 27 अगस्त को हुई इस घटना से जुड़ी खबर का खुद से संज्ञान लिया था और सीपीसीबी, डीपीसीसी, MoEF&CC और डीएम (नॉर्थ-वेस्ट) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। खबर एक पांच साल की बच्ची की मौत की थी जो अकबरपुर माजरा विलेज के पास पल्ला गांव चेक पोस्ट के नजदीक कीचड़ भरे पानी में फंसी पाई गई। डीपीसीसी के मुताबिक, आदेश के अनुपालन में उसने और रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने 20 दिसंबर, 2024 को मौके की जांच की। रिपोर्ट में कहा गया है कि 7.5 किमी तक फैला नाला बख्तावरपुर से हिरंकी चौक तक का नाला ढका हुआ मिला। पर बाकी हिस्से में कुछेक बिंदुओं को छोड़कर, पूरा खुला था। खुला हिस्सा जाम दिखा। उस दौरान पक्के नाले का काम ग्रैप लगे होने के कारण बंद था।पीडब्ल्यूडी ने अपने इस काम की जिम्मेदारी जिस ठेकेदार को सौंपी है, उसके साइट इंजीनियर ने इंस्पेक्शन टीम को बताया कि अभी लगभग ढाई किलोमीटर तक के हिस्से का काम बाकी है। उन्होंने यह भी बताया कि पीडब्ल्यूडी ने 2021 में उन्हें नाले के निर्माण का काम सौंपा था, लेकिन इसमें देरी होती चली गई।टीम ने स्थानीय लोगों से बात करने का भी दावा किया,जिनका कहना था कि सीवेज सिस्टम न होने के कारण आसपास के गांवों का सारा गंदा पानी सीधे इसे नाले में आकर जमा हो रहा है। डीपीसीसी ने ट्रिब्यूनल को बताया कि उसने 31 दिसंबर, 2024 को दिल्ली जल बोर्ड और पीडब्ल्यूडी को लेटर जारी किया है, जिसमें उनसे विभाग से जुड़ी जरूरी कार्रवाई करने और एक्शन टेकन रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है
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