केंद्र सरकार ने देशभर में संचालित स्कूलों में नो डिटेंशन पॉलिसी को खत्म कर दिया है। यह फैसला शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2019 (आरटीई) में संशोधन के बाद लिया गया है।
केंद्र सरकार की ओर से देशभर में संचालित स्कूल ों में नो डिटेंशन पॉलिसी (No Detention Policy) को खत्म कर दिया गया है। इस पॉलिसी के खत्म होने के बाद इसका असर केंद्रीय विद्यालय और सैनिक स्कूल सहित केंद्र सरकार द्वारा संचालित 3000 से अधिक स्कूल ों में पढ़ रहे स्टूडेंट्स पर पड़ेगा। इस पॉलिसी के खत्म होने के बाद अब स्कूल ों को अधिकार होगा कि अगर कोई छात्र पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहा है तो उसे कक्षा 5वीं और 8वीं में फेल किया जा सकेगा। छात्रों पर किया पड़ेगा प्रभाव इससे 5th एवं 8th क्लास में पढ़ रहे
ऐसे छात्र जो अनुत्तीर्ण हो जायेंगे उन्हें अगली कक्षा में पदोन्नत नहीं किया जायेगा। हालांकि उन्हें दो महीने के अंदर दोबारा से परीक्षा पास करने का मौका दिया जायेगा। इसके बाद भी अगर छात्र अनुत्तीर्ण हो जाता है तो फिर उसे उसी कक्षा में दोबारा पूरी साल पढ़ना होगा। क्या सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में लागू होगा नियम? आपको बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से इस पॉलिसी को खत्म कर दिया गया है लेकिन राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश अपने अनुसार इसे लागू कर सकते हैं। अगर कोई प्रदेश या केंद्र शासित राज्य इसे लागू नहीं करना चाहता है तो यह बाध्यकारी नहीं होगा। कहां मिलेगी छात्रों को छूट केंद्र सरकार की ओर से इस नीति को खत्म करने के साथ ही नोटिफिकेशन में बताया गया है कि छात्र के शिक्षक उन क्षेत्रों की पहचान करने में मदद करेंगे जहां छात्र संघर्ष कर रहा है और अतिरिक्त सहायता प्रदान करेंगे। इसके साथ ही छात्र के फेल होने पर स्कूल किसी भी छात्र को प्रारंभिक शिक्षा से रोक नहीं सकेंगे और न ही वे स्कूल से स्टूडेंट्स को निष्कासित कर पाएंगे। RTE 2019 में संशोधन के बाद लिया गया फैसला आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2019 (आरटीई) में संशोधन के बाद यह फैसला लिया है। केंद्र सरकार की ओर से अभी 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने 'नो-डिटेंशन पॉलिसी' को खत्म कर दिया है। यह राज्य और केंद्रशासित प्रदेश असम, बिहार, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, मेघालय, नागालैंड, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, दादरा, नगर हवेली और जम्मू और कश्मीर हैं
शिक्षा नो डिटेंशन पॉलिसी केंद्र सरकार आरटीई स्कूल
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
केंद्र सरकार ने स्कूलों में 'नो-डिटेंशन पॉलिसी' खत्म कीकेंद्र सरकार ने अपने द्वारा शासित स्कूलों में कक्षा 5वीं और 8वीं के लिए 'नो-डिटेंशन पॉलिसी' को खत्म कर दिया है, जिससे उन छात्रों को फेल करने की अनुमति मिल जाएगी जो साल के अंत की परीक्षाओं में उत्तीर्ण नहीं हो पाते हैं।
और पढो »
करेंट अफेयर्स 23 दिसंबर: रिटायर्ड जस्टिस रामासुब्रमण्यम NHRC अध्यक्ष बने; 'नो डिटेंशन पॉलिसी' खत्म; PM मोदी...ट्रम्प ने श्रीराम कृष्णन को AI पॉलिसी एडवाइजर बनाया। भारत ने विमेंस अंडर-19 एशिया कप जीता। वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने BHU और शिक्षा मंत्रालय के साथ त्रिपक्षीय MoU साइन किए। कुछ प्रमुख करेंट अफेयर्स की जानकारी, जो सरकारी नौकरियों की तैयारी कर रहे...
और पढो »
नो डिटेंशन पॉलिसी खत्म, 5-8वीं में फेल होने वाले बच्चों को नहीं मिलेगा प्रमोटमोदी सरकार ने पढ़ाई में सुधार के लिए 'नो डिटेंशन पॉलिसी' को खत्म कर दिया है. अब 5वीं और 8वीं में फेल होने वाले बच्चों को अगली क्लास में प्रमोट नहीं किया जाएगा. हालांकि, उन्हें दोबारा परीक्षा देने का मौका मिलेगा.
और पढो »
नो डिटेंशन पॉलिसी खत्म, कक्षा 5 और 8 में फेल होने वाले छात्रों को दोबारा परीक्षाकेंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने 'नो डिटेंशन पॉलिसी' को खत्म कर दिया है. अब कक्षा 5 और 8 में वार्षिक परीक्षा में असफल होने वाले विद्यार्थियों को अनुत्तीर्ण कर दिया जाएगा. वे दो महीने के भीतर दोबारा परीक्षा दे सकते हैं, लेकिन दोबारा असफल होने पर पदोन्नत नहीं होंगे.
और पढो »
केंद्र सरकार ने अपने स्कूलों में नो-डिटेंशन पॉलिसी खत्म कर दीकेंद्र सरकार ने अपने प्रशासित स्कूलों में पंचवीं और आठवीं कक्षा के लिए 'नो-डिटेंशन पॉलिसी' को खत्म कर दिया है। अब, जिन्हें साल के अंत की परीक्षाओं में उत्तीर्ण नहीं हो पाते हैं, उन्हें फेल किया जा सकता है।
और पढो »
केंद्र सरकार ने कक्षा 5वीं और 8वीं के लिए 'नो-डिटेंशन पॉलिसी' खत्म कीकेंद्र सरकार ने अपने द्वारा शासित स्कूलों में कक्षा 5वीं और 8वीं के लिए 'नो-डिटेंशन पॉलिसी' को खत्म कर दिया है। अब, छात्रों को फेल करने की अनुमति होगी जो साल के अंत की परीक्षाओं में उत्तीर्ण नहीं हो पाते हैं।
और पढो »