नोएडा में ई-रिक्शा की भीड़ बढ़ गई है। इनके साथ समस्या है कि इनमें बहुतों की न कोई नंबर प्लेट है न रजिस्ट्रेशन नंबर। ऐसे में इनसे अगर कोई दुर्घटना या हादसा हो जाए तो इन्हें पकड़ पाना लगभग नामुमकिन है। इसलिए अब ट्रैफिक पुलिस सतर्क हो गई है।
नोएडा: शहर में आम आदमी के लिए आने-जाने का सबसे आसानी से उपलब्ध होने वाला साधन ई-रिक्शा है। मेट्रो स्टेशन से लेकर हर सेक्टर और सड़क पर ई-रिक्शा चल रहे हैं। हालांकि ई-रिक्शा की संख्या कोई सीमित नहीं है। अब यह भी दिख रहा है कि बड़ी संख्या में ई-रिक्शा बगैर नंबर प्लेट के चलाए जा रहे हैं। इन पर सवारियां बैठकर सफर कर रही हैं। अगर कोई भी घटना इन ई-रिक्शा से हो जाए तो यह भी नहीं पता चलेगा कि इनका चालक कौन है, ई-रिक्शा किसके नाम पर है। न ही बगैर नंबर का ई-रिक्शा होने के कारण इनको चलाने वाले पर कार्रवाई...
हैं। पूरे जिले में जगह-जगह ई-रिक्शा बेचने की दुकानें खुलती चली जा रही हैं। इन दुकानों पर 10-20 हजार रुपये लेकर बगैर रजिस्ट्रेशन, फिटनेस, इंश्योरेंस के ई-रिक्शा दे दिया जा रहा है। इन दुकानों को कौन सीमित करेगा जिला प्रशासन से लेकर परिवहन विभाग या ट्रैफिक पुलिस तक कोई जिम्मेदारी नहीं तय है। यही स्थिति सेकंड हैंड ई-रिक्शा की बिक्री का है। सेकंड हैंड ई-रिक्शा का न तो कोई कागज दिया जाता है और न ही कोई उसकी लिखापढ़ी होती है।ऑटो-टैक्सी से ज्यादा हुई ई-रिक्शा की संख्याशहर में ई-रिक्शा की संख्या तेजी से...
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