पंजाब पुलिस भ्रष्ट अधिकारियों को पकड़ने में नाकाम

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पंजाब पुलिस भ्रष्ट अधिकारियों को पकड़ने में नाकाम
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पंजाब पुलिस बर्खास्त एआईजी राज जीत सिंह हुंडल और डीएसपी गुरशेर सिंह संधू को गिरफ्तार करने में नाकाम रही है।

पंजाब पुलिस अपने ही भ्रष्ट अधिकारियों को पकड़ने में नाकाम रही है। ये अधिकारी गंभीर अपराधों के आरोपी हैं और फरार हैं। हम बात कर रहे हैं बर्खास्त एआईजी राज जीत सिंह हुंडल और डीएसपी गुरशेर सिंह संधू की। पुलिस की इस नाकामी की कड़ी आलोचना हो रही है। खासकर इसलिए क्योंकि पुलिस ने कुछ अन्य जघन्य अपराधों को कुछ ही दिनों में सुलझा लिया है। पंजाब पुलिस के इंस्पेक्टर जनरल (मुख्यालय) सुखचैन सिंह गिल ने साल के अंत में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलिस के कामकाज की तारीफ की थी। उन्होंने कई बड़े मामलों को सुलझाने

में पुलिस की सफलता पर ज़ोर दिया। लेकिन बर्खास्त एआईजी राज जीत सिंह हुंडल और डीएसपी गुरशेर सिंह संधू को गिरफ्तार करने में पुलिस की नाकामी पर उन्होंने कुछ नहीं कहा। बता दें कि हुंडल दो साल से ज़्यादा समय से फरार हैं। हुंडल को 17 अप्रैल, 2023 को बर्खास्त कर दिया गया था। हुंडल ने ज़मानत पाने के लिए हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा भी खटखटाया है। वहीं संधू पर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का पुलिस हिरासत में टीवी इंटरव्यू करवाने का आरोप है। उन पर जालसाजी और भ्रष्टाचार के भी आरोप हैं। डीएसपी संधू के बारे में कहा जाता है कि वह विदेश भाग गया है। पंजाब पुलिस ने उसे पिछले साल 2 जून को सेवा से हटा दिया था। दोनों आरोपी गिरफ्तारी से बचने में कामयाब रहे हैं।गुरशेर सिंह संधू को कारण बताओ नोटिस भी नहीं दे पाई पुलिस बर्खास्तगी से पहले गुरशेर सिंह संधू को कारण बताओ नोटिस भी नहीं दे पाई और उसे उसके घर के बाहर चिपकाना पड़ा। उनके बर्खास्तगी आदेश में ज़ोर देकर कहा गया था कि बिश्नोई के इंटरव्यू के दौरान अधिकारी के कदाचार, लापरवाही और कर्तव्य की उपेक्षा ने पुलिस विभाग की छवि को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया है। पहले निलंबन के बाद, पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने भी उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति और विवादित संपत्ति सौदों के आरोपों की जांच शुरू की।इंस्पेक्टर के रूप में पंजाब पुलिस में शामिल हुए पूर्व AIG राज जीत सिंह हुंडल 1992 में एक इंस्पेक्टर के रूप में पंजाब पुलिस में शामिल हुए थे और उन्हें 2013 में मेधावी सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक से भी सम्मानित किया गया था। उन पर तब से ड्रग्स और जबरन वसूली के रैकेट चलाने का आरोप है। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा एक विशेष जांच दल (SIT) की सीलबंद रिपोर्ट खोलने के बा

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