माहेश्वरी साड़ी बुनाई को पुनर्जीवित करने और महिलाओं को रोजगार देने के लिए शालिनी होलकर को पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया है.
खरगोन. मां अहिल्याबाई होलकर के राजघराने से ताल्लुक रखने वाली बहू शालिनी होलकर (शैली) को 82 वर्ष की उम्र में पद्मश्री सम्मान मिलेगा. भारत सरकार द्वारा इसकी घोषणा गणतंत्र दिवस के एक दिन पूर्व 25 जनवरी की शाम की गई. यह सम्मान उन्हें माहेश्वरी साड़ी की बुनाई को पुनर्जीवित करने और एक स्कूल के माध्यम से बच्चों तथा महिलाओं को पारंपरिक बुनाई की निःशुल्क तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के लिए दिया जा रहा है.
ये सोसाइटी बनी संजीवनी महेश्वर के प्रसिद्ध लेखक, साहित्यकार एवं इतिहास के जानकार हरीश दुबे बताते हैं कि शालिनी देवी होलकर मां अहिल्या बाई होलकर के राजघराने से ताल्लुक रखती हैं. वर्तमान प्रिंस रिचर्ड शिवाजीराव होलकर की पत्नी हैं. हालांकि, वह विदेशी महिला हैं. उनका जन्म विदेश में हुआ है. लेकिन, भारतीय परिवेश और संस्कृति को बेहतर जानती हैं, समझती हैं. उन्हें माहेश्वरी साड़ी बुनाई का वृहद ज्ञान है. पति के साथ मिलकर साल 1978 के लगभग उन्होंने मां रेवा सोसाइटी की स्थापना की थी. बुनकरों के हित में इस सोसाइटी ने संजीवनी का काम किया. क्योंकि, उस समय साड़ी उद्योग के क्षेत्र में काफी मंदी थी. क्षेत्र के बुनकरों के सामने भुखमरी का संकट था. माहेश्वरी साड़ी उद्योग को पुनर्जीवित किया ऐसे में शालिनी देवी उर्फ शैली द्वारा माहेश्वरी साड़ी उद्योग को पुनर्जीवित किया. रेवा सोसाइटी में फिल्मी दुनिया की बड़ी शख्सियत जैसे मुजफ्फर अली, शबाना आज़मी आदि को शेयर दिया. इसके बाद यहां के बुनकरों को रोजगार मिला. माहेश्वरी साड़ी की पहचान बनी और आज पूरे विश्व में अपनी खास बनावट की वजह से माहेश्वरी साड़ी उद्योग फैल चुका है. हालांकि, कुछ साल बाद अपने पति और परिवार के साथ अनबन के चलते वह अलग हो गईं. 2006 में शुरू किया गुड़ी-मुड़ी केंद्र साल 2006 में शैली होलकर ने महेश्वर से 4 km दूर मंडलेश्वर रोड पर मां नर्मदा नदी के किनारे परिवार से अलग होकर रहने लगीं. एक बड़े क्षेत्र में उनका फॉर्म हाउस बना है. यहां उन्होंने गुड़ी-मुड़ी केंद्र की स्थापना की. यहां उन्होंने शहर की ऐसी महिलाओं को रोजगार दिया, जो आर्थिक रूप से कमजोर थी. उन्हें बुनकरी का प्रशिक्षण दिया. इन 19 साल में गुड़ी-मुड़ी संस्था का नेटवर्क विदेशों में भी फैल चुका है. वहां के लोग माहेश्वरी साड़ियां इसी संस्था से खरीदते हैं. बच्चों को शिक्षा, बुनकरों को रहने के लिए घर हरीश दुबे बताते हैं कि बुनकरों के बच्चों को पारम्परिक बुनाई सिखाने और शिक्षित करने के लिए उन्होंने अहिल्या बाल ज्योति स्कूल की स्थापना भी की है. यहां बुनकरों के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जाती है. इसके अलावा उन्होंने अहिल्या विहार कॉलोनी का भी निर्माण करवाया. यहां बुनकरों को रहने के लिए घर उपलब्ध कराए. अब तक उन्होंने सैकड़ों लोगों को रोजगार दिया, बच्चों को शिक्षित किया, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया है. 8000 लोग बनाते हैं माहेश्वरी साड़ी बता दें कि माहेश्वरी साड़ी आज विश्व प्रसिद्ध है. महेश्वर में करीब 8 हजार से ज्यादा बुनकर हैंडलूम पर हाथों से माहेश्वरी शादियों का निर्माण कर रहे हैं. इसकी शुरुआत होलकर काल में रानी अहिल्या बाई होलकर ने राज्य में उद्योग को बढ़ाने और महिलाओं को रोजगार देने के लिए की थी. यहां सूती कपड़ों और पगड़ी का निर्माण कई सदियों से हो रहा है. अब माहेश्वरी साड़ियों के अलावा सूट, दुपट्टा, जैकेट, कुर्ता, हैंगिंग वॉल आदि का भी निर्माण कई वैरायटियों में होने लगा है
पद्मश्री शालिनी होलकर माहेश्वरी साड़ी बुनकर रेवा सोसाइटी गुड़ी-मुड़ी केंद्र अहिल्या बाल ज्योति स्कूल महिला सशक्तिकरण
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
शालिनी होलकर को पद्मश्री सम्मान मिलेगाइस खबर में शालिनी होलकर को पद्मश्री सम्मान मिलने की जानकारी दी गई है, साथ ही यह खबर अन्य खबरों का सारांश भी प्रस्तुत करती है जैसे कि ब्रह्मांड में पानी के निर्माण की जानकारी, मां-बेटी की दुर्घटना, एक्टर-क्रिकेटर के जीवन से जुड़ी जानकारी, पाकिस्तान में आतंकवादी हथियारों की जानकारी, और अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का विवरण।
और पढो »
शारदा सिन्हा को पद्म विभूषण, नंदमुरी बालकृष्ण को पद्म भूषण और अरिजीत सिंह को मिला पद्म श्री सम्मान, देखें लिस्ट7 हस्तियों को पद्म विभूषण सम्मान दिया गया, 19 हस्तियों को पद्म भूषण सम्मान दिया गया और 113 हस्तियों को इस बार पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा.
और पढो »
पद्म पुरस्कारों का ऐलान : 7 पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण और 113 पद्मश्री से सम्मानित; जानें किसे-किसे मिला अवॉर्डकुवैत की योग साधिका शेखा ए जे अल सबा और उत्तराखंड के ट्रैवल ब्लॉगर दंपति ह्यूग और कोलीन गैंटजर को पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा.
और पढो »
केंद्र सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किए जाने वालों के नाम का ऐलान कर दिया हैपद्मश्री से सम्मानित किए जाने वालों की लिस्ट में गोवा के 100 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी लीबिया लोबो सरदेसाई और पश्चिम बंगाल के ढाक वादक गोकुल चंद्र दास का नाम शामिल है. गृह मंत्रालय की तरफ से शनिवार को यह लिस्ट जारी की गई.
और पढो »
पद्मश्री से सम्मानित निर्मला देवी, जिन्होंने मुजफ्फरपुर की सुजनी कढ़ाई को जीआई टैग दिलायाबिहार के मुजफ्फरपुर की निर्मला देवी को पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने सुजनी कढ़ाई को पुनर्जीवित करके जिले की महिलाओं को आजीविका और आत्मनिर्भरता प्रदान की। उनकी कलाकृतियां देशभर के शहरी बाजारों और संग्रहालयों में प्रदर्शित होती हैं।
और पढो »
Padma Awards: रविचंद्रन अश्विन को मिलेगा पद्मश्री सम्मान, पीआर श्रीजेश भी होंगे पद्म भूषण से सम्मानितगणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने 2025 के लिए पद्म पुरस्कारों की घोषणा कर दी है। इसमें खेल जगत के दिग्गजों के नाम का भी एलान किया गया है। पूर्व भारतीय
और पढो »