पश्चिम रेलवे स्टेशनों पर डिजिटल लाउंज बनाने की योजना बना रही है। ये लाउंज कामकाजी लोगों के लिए ऑफिस जैसा सेटअप होगा जहां वे काम कर सकेंगे।
भारतीय रेलवे स्टेशनों पर आधुनिकीकरण के प्रयास में पश्चिम रेलवे स्टेशनों पर एक नया प्रयोग करने जा रही है। पश्चिम रेलवे ने स्टेशनों पर डिजिटल लाउंज बनाने की योजना बनाई है। यह योजना गैर यात्री राजस्व (एनएफआर) के तहत लागू होगी। पश्चिम रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस साल करीब एक हजार करोड़ रुपये यात्री सुविधा योजना पर खर्च किया जाएगा। इसमें बड़े टर्मिनस स्टेशनों पर कामकाजी लोगों के लिए डिजिटल लाउंज बनाने की योजना भी शामिल है। रेल अधिकारियों के मुताबिक, भारतीय रेल में डिजिटल लाउंज का यह
कॉन्सेप्ट अपनी तरह का पहला और अनूठा प्रयास है। इस योजना का प्रस्ताव जल्द ही रेलवे बोर्ड को भेजा जाएगा। डिजिटल लाउंज आम तौर पर आईआरसीटीसी के डिलक्स लाउंज के समान होंगे जहां लोग ताज़ा होने और कुछ देर आराम करने के लिए बुकिंग करते हैं। पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी विनीत अभिषेक ने बताया कि डिजिटल लाउंज में ऑफिस जैसे सेटअप होंगे। यहां डेस्क पर लैपटॉप रखने, मोबाइल और लैपटॉप चार्जर के पॉइंट्स होंगे। इसके अलावा चाय-कॉफी की व्यवस्था होगी। कुछ घंटों तक शोरशराबे से दूर कोई ऑफिस का काम करना चाहे, उसके लिए यह एक्स्लूसिव लाउंज होंगे। डिजिटल लॉन्ज में 40 लोगों के एक साथ बैठकर काम करने की सुविधा होगी। इसमें चार्जिंग पॉइंट्स, वाई-फाई टेबल और अन्य आधुनिक सेटअप मौजूद रहेंगे, ताकि यात्रियों को किसी भी तरह की परेशानी न हो। गैर यात्री किराये से राजस्व जुटाने में रेलवे अनूठे प्रयोग कर रही है। इनमें स्टेशनों पर रेल कोच रेस्टॉरेंट खोलने या सैलून बनाने जैसी योजनाएं शामिल हैं। मुख्य वाणिज्य प्रबंधक तरुण जैन ने बताया कि रेलवे के 69वें अति विशिष्ट रेल सेवा पुरस्कार समारोह में पश्चिम रेलवे ने इस बार एनएफआर के लिए पहली दक्षता शील्ड जीती है। जैन ने बताया कि एनएफआर राजस्व बढ़ाने के लिए 2025 से ही हर साल करीब एक हजार करोड़ रुपये या इससे ज्यादा का खर्च यात्री सुविधाओं के लिए किया जाएगा
DIGITAL LOUNGE WEST RAILWAY PASSENGER FACILITIES NON-FAIR REVENUE MODERNIZATION
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