पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स बताते हैं कि बांग्लादेश से भारत समर्थक सरकार के हटने के बाद पाकिस्तान-बांग्लादेश संबंधों में सुधार हो रहा है। पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाहक़ डार अगले महीने बांग्लादेश का दौरा करेंगे, यह 2012 के बाद बांग्लादेश में किसी भी पाकिस्तानी विदेश मंत्री का पहला दौरा होगा। दोनों देशों के बीच सहयोग और संबंधों को मजबूत करने की उम्मीद है।
इमेज कैप्शन,58 मिनट पहले पाकिस्तान ी मीडिया में कहा जा रहा है कि पिछले साल अगस्त महीने में बांग्लादेश से भारत समर्थक सरकार के हटने के बाद पाकिस्तान और बांग्लादेश की क़रीबी बढ़ रही है.
डार ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में यह भी कहा था कि पाकिस्तान बांग्लादेश को हर संभव मदद करेगा. हालांकि बांग्लादेश ने पाकिस्तान से किसी तरह की मदद मांगी नहीं थी. इसके बावजूद डार ने बांग्लादेश को मदद की पेशकश की है. बासित ने कहा, ''इसी चीज़ को बेहतर भाषा में कहा जा सकता था कि पाकिस्तान बांग्लादेश के साथ हर मोर्चे पर साथ मिलकर काम करना चाहता है. डिप्लोमैसी में बात ऐसे होती है. मुझे नहीं मालूम कि उन्हें कौन ऐसी स्क्रिप्ट लिखकर दे रहा है. इन्हें जानना चाहिए कि बांग्लादेश के लोग बहुत ही ग़ैरतमंद हैं. बांग्लादेश के लोगों ने पाकिस्तान बनाया था. मुझे लगता है कि पाकिस्तान को बांग्लादेश के मामले में थोड़ा एहतियात से काम लेना चाहिए.
अब्दुल बासित ने कहा, ''बांग्लादेश के मामले में हमें धीरे-धीरे और संभलकर आगे बढ़ना चाहिए. संभव है कि बांग्लादेश की सरकार जनभावना के कारण भारत को लेकर आक्रामक हो. इसलिए हमें बहुत जल्दीबाज़ी में नहीं रहना चाहिए. लेकिन पाकिस्तान को अवसर मिला है और इस अवसर को अफ़ग़ानिस्तान की तरह गँवाए ना.''ख़ान अब्दुल ग़फ़्फ़ार ख़ान: वो पठान देशभक्त जिन्होंने गांधी का रास्ता कभी नहीं छोड़ा - विवेचनापाकिस्तानी मीडिया में बांग्लादेश को लेकर ख़ासा उत्साह देखने को मिल रहा है.
, ''दो साल पहले जब मैं ढाका गया था तो एयरपोर्ट से निकलते ही शेख़ मुजीब-उर रहमान हर जगह दिखते थे लेकिन इस बार उनका नामोनिशान नहीं था. यानी शेख़ हसीना को लेकर बहुत ग़ुस्सा था. दूसरी तरफ़ हिन्दुस्तान को लेकर भी मुझे भारी नाराज़गी वहां दिखी. मैं बे ऑफ बंगाल कन्वर्सेशन में गया था. उस सेशन के दौरान हॉल में एक युवा बांग्लादेशी लड़की ने कहा कि आप ट्रंप की नीति की बात न करें बल्कि मोदी की नीति की बात करें, जिन्होंने हमारी जनसंहारक प्रधानमंत्री को जगह दे रखी है.
इस सवाल के जवाब में एज़ाज़ चौधरी ने कहा, ''ये सवाल बहुत वाजिब है. ढाका ट्रिब्यून में एक लेख पढ़ रहा था कि जिसमें लिखा था कि बांग्लादेश में हिन्दू 9 प्रतिशत हैं लेकिन सरकारी नौकरी में वे 15 फ़ीसदी हैं. हम अभी से ये नहीं कह सकते हैं कि शेख़ हसीना की अवामी लीग़ ख़त्म हो गई है. अब भी है. बांग्लादेश तीन तरफ़ से भारत से घिरा है. ऐसे में उसे भारत के प्रभाव से निकलना आसान नहीं होगा. मेरा भी मानना है कि पाकिस्तान को लेकर यह जज़्बा अभी अस्थायी है.
पाकिस्तान बांग्लादेश संबंध विदेश मंत्री डार दौरा
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